उपायुक्त ऊना ने बताया कि योजना के तहत विभिन्न 18 व्यवसायों से संबंधित व्यक्तियों का नजदीकी लोक मित्र केंद्र अथवा सीएससी के माध्यम से योजना के पोर्टल पर निःशुल्क पंजीकरण किया जा रहा है जिसके पश्चात संबंधित पंचायत प्रधान तथा संबंधित खंड विकास अधिकारी स्तर पर सत्यापित करने के पश्चात जिला स्तरीय समिति द्वारा सत्यापित किया जाएगा। इसके पश्चात संबंधित व्यवसाय के विषय में व्यक्ति को 5 से 7 दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा इस दौरान उन्हें रोजाना 500 रुपए की दर से भता भी प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत इन कारीगरों को व्यवसाय आरंभ करने के लिए आवश्यक मशीन, औजार अथवा उपकरण खरीदने के लिए 15 हजार रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी। इसके अलावा संबंधित व्यवसाय के विस्तारीकरण के लिए प्रत्येक कारीगर को सरकार द्वारा 18 महीने के अंतराल में क्रमशः 1 लाख 2 लाख रुपए का ऋण प्रदान किया जाएगा जिस पर सामान्य ब्याज दरों में आठ प्रतिशत का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
उपायुक्त ऊना ने कहा कि पीएम विश्वकर्म योजना में पंजीकरण के लिए शुल्क सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है तथा कारीगरों को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि कारीगरों के पंजीकरण के दौरान लोक मित्र केंद्रों अथवा सीएससी संचालकों द्वारा संबंधित व्यक्ति से यदि शुल्क वसूलने के बारे में कोई शिकायत आती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि पीएम विश्वकर्म योजना के विषय में पात्र व्यक्तियों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें।
इस अवसर पर उद्योग विभाग के प्रबंधक अखिल तथा पीएम विश्वकर्मा योजना की जिला स्तरीय समिति के सदस्य ओम प्रकाश, श्याम मन्हास तथा जयदेव सिंह खट्टा भी उपस्थित थे।
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