इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) का 37वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को आयोजित किया गया। इस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की । समारोह में उपराष्ट्रपति धनखड़ दीक्षांत भाषण दिया।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्यतिथि ने छात्रों को कोचिंग से आगाह करते हुए कहा कि कोचिंग कक्षाएं हकीकत में बौद्धिक प्रदर्शन के बजाय "यथास्थिति" का उदाहरण हैं और उन्हें याद दिलाया कि नवाचार अलग तरह से सोचने पर आता है।
उन्होंने अपने भाषण में कहा छात्र केवल सरकारी नौकरी के भरोसे न रहें। छात्रों को सरकारी नौकरी प्रतियोगी परीक्षाओं से परे भी सोचना चाहिए और अन्य अवसरों का पता लगाना चाहिए, आज के समय में कुछ अवसर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।
धनखड़ ने युवाओं को संदेह और असुरक्षाओं को दूर करने और इसके बजाय महान विचारों के लिए दिमाग को पार्किंग स्थल के रूप में उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने छात्रों को प्रतिदिन मन की सफाई करने और नकारात्मकता को दूर करने और साथ ही बिना किसी डर के अच्छे विचारों को अपने अंदर लाने पर जोर दिया।
उपराष्ट्रपति ने बताया कि जैसे सिविल सेवा में प्रवेश करने वाले व्यक्ति अब नए क्षेत्रों की खोज कर रहे हैं जैसे कि स्टार्ट-अप शुरू करना या कृषि और विपणन में संलग्न होना।
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