अखंड भारत दर्पण : साढ़े पांच साल के बच्चे को पहली में एडमिशन, पहले लिए गए कैबिनेट के फैसले में हुआ बदलाव

अखंड भारत दर्पण:-
हिमाचल में अब नए शिक्षा सत्र से साढ़े पांच साल की उम्र के बच्चे भी पहली कक्षा में एडमिट किए जा सकेंगे। इस बारे में पिछली कैबिनेट में लिए गए फैसले में हल्का संशोधन हुआ है। मुख्यमंत्री से शिक्षा विभाग की चर्चा कंपलीट हो गई है और सोमवार को नए निर्देश जारी हो रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि आयु सीमा में यह छूट सिर्फ एक सत्र के लिए इसी साल मिलेगी।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की प्रावधान के अनुसार पहली कक्षा में एडमिशन के लिए 6 साल की उम्र की पात्रता तय की है। लेकिन इस बार इस आयु सीमा में छूट देने की डिमांड उठ रही थी। पिछली कैबिनेट में यह मामला गया था और उसमें जिस फॉर्मेट को अप्रूव किया गया थाए उसे मसला और उलझ जाना था। इसलिए शिक्षा विभाग ने पहले सरकार से चर्चा करना ठीक समझा। शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ इस बारे में चर्चा पूरी हो गई है। अब यह सहमति बनी है कि जो बच्चा 01 अप्रैल को साढ़े पांच साल की अवधि पूरी कर लेगाए उसे पहली कक्षा में एडमिशन दी जा सकेगी। यानी पिछले 30 सितंबर को पैदा हुए बच्चे भी पहली अप्रैल से एडमिशन के लिए पात्र हो जाएंगे।
हिमाचल में सरकारी क्षेत्र में ही 10758 प्राइमरी और 1965 मिडल तथा 962 हाई स्कूल हैं। सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या 1998 है। राज्य में प्राइवेट के मुकाबले सरकारी स्कूलों में इनरोलमेंट अपेक्षाकृत ज्यादा है। हर साल करीब एक लाख बच्चा सरकारी या निजी स्कूलों में एडमिट होता है। लेकिन एडमिशन के लिए आयु सीमा बदलने से सरकारी स्कूलों की एनरोलमेंट पर असर पडऩे की आशंका थी। इसकी वजह यह है कि आयु सीमा से संबंधित नियम सभी पर एक समान लागू होना चाहिए।

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