डी.पी.रावत।
बुधवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक गरीब महिला को न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के मामले में तहसीलदार आनी को कड़ी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की अदालत ने कहा कि आए दिन अदालतों पर बड़े-बड़े मामले लंबित होने के आरोपों का मुख्य कारण सरकारी अधिकारियों का उदासीन और संवेदनहीन रवैया है। ऐसे अधिकारी जिम्मेदारी निभाने के बजाय न केवल न्यायालय से आदेश का इंतजार करते रहते हैं, बल्कि आम लोगों को हर छोटे से मामले में अदालत जाने के लिए मजबूर करते हैं। गरीब महिला ने अदालत में पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर्स की पॉलिसी के नियम 19 के तहत अपील की। याचिका में दावा किया गया है कि 22 दिसंबर 2022 को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट कुल्लू ने तहसीलदार को आय प्रमाण पत्र को दोबारा जांचने का आदेश दिया था। डेढ़ वर्ष बीत जाने पर भी संबंधित अधिकारी ने आदेश का पालन करने का प्रयास नहीं किया। आय प्रमाणपत्र को फिर से सत्यापित नहीं करने के कारण महिला को कोर्ट में जाना पड़ा। अदालत ने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लापरवाह और गैर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, हाईकोर्ट ने 22 मार्च 2022 के आदेश की पालना करने के लिए भी कहा और 48 घंटों के भीतर इसे न्यायालय की रजिस्ट्री में दर्ज करने के लिए कहा।
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