अखंड भारत दर्पण (ABD) न्यूज पंजाब/हिमाचल प्रदेश : इंदर दत्त लखनपाल को नगर निगम शिमला द्वारा अवैध निर्माण कार्य हेतु जारी कारण बताओ नोटिस पर हिमाचल प्रदेश सरकार को अपने सोशल मीडिया (facebook twitter) के जरिए दिया गया यह संदेश...आज हुजूर की ओर से फरमान आया है। 253 का नोटिस दिया है। बताओ कि तुम्हारा घर क्यों न तोड़ दिया जाए ? मेरा घर तो लोगों के दिलों में है। पर खैर दिल भी तोड़ ही दिए आपने। मैं बहुत समय चुप रहा। बहुत चीजें ऐसी बोल सकता हूँ जो शायद मुख्यमंत्री जी को भीतर तक चुभ जाएँ। पार्टी में रहा हूँ, बहुत कुछ जानता हूँ। मगर कृतघ्न नहीं हूँ।
मैंने पहले भी कहा कि मैं कार्यकर्ताओं के दर्द लेकर कई बार मुख्यमंत्री जी से मिला। लेकिन मुझे कहा गया कि "मेरे लोग तो कह रहे हैं कि सरकार बहुत अच्छी चल रही है, सब सुखी हैं"। मैंने तब भी कहा था और आज भी कह रहा हूँ - आपके लोग आपको भ्रमित करते हैं। 1500 रुपये के फॉर्म हमने भी भरवाए थे। बड़सर की महिलाएं पूछती थीं कि भाई जी कब मिलेंगे पैसे ? नौजवान भी पूछते थे की कब मिलेंगे रोज़गार ? कब निकलेंगे रिजल्ट ? वादे बहुत थे, पर जब जब आपको याद करवाया, तब तब फटकार और आश्वासन के सिवा कुछ मिला नहीं। आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चुनाव नहीं लड़ना चाहते। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कह रहीं हैं कि कार्यकर्त्ता हताश है, उनके काम नहीं हो रहे। और ये तब जब आपने सबको कैबिनेट रैंक बाँट दिए, और अब ट्रांसफर भी रोज़ कर रहे हो, फिर भी प्रदेशाध्यक्ष को ये सब कहना पड़ रहा है। ऐसे में अपनी विधायकी की परवाह न करते हुए आपको जगाना किसी को तो करना पड़ता। दिल बड़ा रखिये मुख्यमंत्री जी। सरकारें द्वेष से नहीं प्रेम से चला करती हैं।
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