प्रदर्शन को संबोधित करते हुए हिमाचल किसान सभा ज़िला सचिव देवकी नंद और सीटू जिला सचिव अमित ने कहा कि भाजपा महिलाओं को मिलने वाली पन्द्रह सौ रुपये की आर्थिक सहायता का विरोध कर रही है। चुनाव के दौरान इस योजना के कार्यान्वयन पर रोक लगाना भाजपा की तुच्छ व महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
जब यह योजना लागू नहीं हुई थी तो भाजपा हर रोज़ बयानबाजी कर रही थी कि वर्तमान सरकार अपनी गारंटियों से मुकर रही है व महिलाओं को पन्द्रह सौ रुपये नहीं दे रही है परन्तु जब सरकार ने यह योजना लागू कर दी तो भाजपा इस योजना के विरोध में उतर आई है। चुनाव आयोग भाजपा के इशारों पर काम कर रहा है। लोकसभा चुनाव की आड़ में इस योजना के विरोध से भाजपा की असली सोच बेनकाब हो गयी है।
किसान व मजदूर नेताओं ने कहा कि यह योजना कुछ महीनों पहले ही लाहौल स्पिति में लागू हो चुकी है व इस योजना से महिलाओं को सम्मान राशि चुनाव की घोषणा से पहले ही मिल रही है। पूरे प्रदेश मे इस योजना को लागू करने की अधिसूचना लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही जारी हो चुकी है और हजारों महिलाओं ने इसके फार्म भर दिए हैं। यह किसी भी तरह चुनाव आचार संहिता की उलंघना नहीं है क्योंकि अधिसूचना लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद नहीं हुई है।
हिमाचल प्रदेश में महिलाएं मुख्यतः कृषि क्षेत्र में कार्यरत है और कृषि आज संकट के दौर में है। इसके अलावा महिलाएं मनरेगा में कुछ रोजगार करती है परंतु केंद्र की सरकार द्वारा मनरेगा के बजट में कटौती कर लगातार कमजोर किया जा है, जिसके चलते साल भर में औसतन 40 दिनों का रोजगार भी नहीं मिल पाता है। भारत 2023 ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) में 125 देशों में से 111वें स्थान पर है, जिसमें महिलाओं मे खून की कमी का होना मुख्य है। 15 से 24 वर्ष की आयु की महिलाओं मे 58.1 प्रतिशत है। हिमाचल प्रदेश की 53% महिलाओं को खून की कमी है।
प्रदेश में महिलाओं की आर्थिक तथा सामाजिक स्तिथि काफी कमजोर है। 1500 रुपये की यह राशि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में काफी अहमियत रखती है। इससे इन्कार करना महिलाओं के साथ घोर अन्याय होगा।
प्रदर्शन में कुलदीप, रणजीत, प्रेम चौहान, कृष्णा राणा, ललित, परस राम, राहुल विद्यार्थी, सुनील मेहता, रमन, बरगत अली, सतीश, प्रदीप, चंद्र पाल, हरदयाल कपूर, आशा, नीमू आदि मौजूद रहे।
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अमित
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