ऊना/अंकुश शर्मा: स्वर्गीय प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की अधूरी इच्छा को पूरा करते हुए उनकी बेटी डॉ. आस्था ने माता चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शन और प्रार्थना के साथ माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर अपनी पदयात्रा का संकल्प पूर्ण किया। प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री के निस्वार्थ त्याग और जीवन पर्यन्त समर्पण के सम्मान को अर्पित यह आस्थामयी पदयात्रा सबके लिए हिम्मत और सतत प्रेरणा का सबब बनी है।
बता देें, डॉ. आस्था अग्निहोत्री ने अपनी मां स्वर्गीय प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की आत्मिक शांति के लिए माता चिंतपूर्णी का आशीर्वाद प्राप्त करने के संकल्प के साथ शुक्रवार को हरोली से पदयात्रा आरंभ की थी। 70 किलोमीटर की यह पदयात्रा आज तीसरे दिन रविवार को माता चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शन और प्रार्थना के साथ संपन्न हुई। इस मौके डॉ. आस्था ने अपने पिता मुकेश अग्निहोत्री के साथ अपनी मां स्वर्गीय प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री की आत्मिक शांति और सभी के लिए माता चिंतपूर्णी के आशीर्वाद की प्रार्थना की। सभी ने
प्रो. सिम्मी अग्निहोत्री के त्याग, समर्पण और उनके निस्वार्थ सेवा भाव को स्मरण कर उनकी पुण्य स्मृतियों को नमन किया।
बेटी के लिए माता-पिता की दोहरी भूमिका में रहे मुकेश
इस पूरी पदयात्रा में उनके पिता प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री बेटी के संकल्प को पूरा करने के लिए साये की तरह हर कदम उनके साथ रहे। इस दौरान वे बेटी आस्था के लिए पिता के साथ साथ मां की भूमिका में भी दिखे। पूरी पदयात्रा में वे बेटी का ख्याल रखते, लाड लड़ाते, पांवों में निकल आए छालों पर मरहम लगाते और भावुक पलों में हिम्मत बंधाते रहे। और कभी अपने नरम स्वास्थ्य की, तो कभी मौसम की बाधाओं के बावजूद लगातार साथ पदयात्रा कर उनका हौंसला बढ़ाते रहे।
आस्था कुंज गोंदपुर जयचंद हरोली से शुक्रवार को आरंभ हुई यह पदयात्रा विभिन्न पड़ावों से होते हुए रविवार को श्री चिंतपूर्णी जी में माता का आशीर्वाद प्राप्त कर पूर्ण हुई। पूरी यात्रा में डॉ. आस्था और मुकेश अग्निहोत्री को जनता का अथाह प्यार और आशीर्वाद मिलता रहा। पदयात्रा जहां से भी गुजरी लोगों का हुजूम उनकी अगवानी करने के लिए उमड़ता दिखा और लोग साथ-सहयोग में जुड़ते रहे। और बड़ी तादाद में स्वेच्छा और स्नेहिल भाव से साथ चले लोगों का टोला भी बनता चला गया। जनता ने मां की आत्मिक शांति के लिए बेटी आस्था के जज्बे और हिम्मत की खूब सराहना की और उन्हें दिल से स्नेह भरा आशीर्वाद दिया।
मां को मोक्ष मिले माता रानी से यही प्रार्थना - डॉ. आस्था
डॉ. आस्था ने कहा कि उनकी मां प्रो. सिम्मी की माता चिंतपूर्णी पर अगाध श्रद्धा थी। माता रानी के जगराते से उनकी सभी के लिए श्री चिंतपूर्णी जी का आशीर्वाद लेने की इच्छा थी। लेकिन उनकी वह इच्छा अधूरी रह गई। हमने माता रानी के दरबार जाकर माता से अपनी मां के लिए मोक्ष की प्रार्थना की है। इस पूरी पदयात्रा में मेरी मां और माता रानी ही मेरा, मेरे पिता और साथ चले हर सहयोगी का बल और प्रेरणा थीं। उन्हीं के आशीर्वाद से हमने यह यात्रा पूर्ण की।
बेटी के जज्बे को सलाम - मुकेश अग्निहोत्री
जनता के प्यार के ऋणी रहेंगे
वहीं उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रो. सिम्मी के लिए बेटी आस्था ने जो संकल्प लिया वो पूरा किया। इस पूरी पदयात्रा में वे जिस हिम्मत से आगे चली हैं, उनके जज्बे को सलाम है। जनता ने जिस कदर प्यार और आशीर्वाद दिया है, हम उसके लिए जीवनभर ऋणी रहेंगे। ये प्रो. सिम्मी के निस्वार्थ सेवा भाव की ही बानगी है, जो लोग उनके लिए इतना सम्मान और स्नेह रखते हैं।
तीन दिनों में यहां से गुजरी पदयात्रा
आस्था कुंज गोंदपुर जयचंद हरोली से शुक्रवार को आरंभ हुई पैदल यात्रा पहले दिन गोंदपुर बुल्ला, भड़ियारा, दुलेहड, हीरानगर, हीरा, हलेडा, पुबोवाल, ठाकरा, पालक्वाह, भदौड़ी, हरोली, समनाल, रोड़ा, सैंसोवाल, धर्मपुर, कांगड़, बढेडा, सलोह, घालूवाल, भदसाली, ईसपुर, पंडोगा होते खड्ड गांव में पहुंची। वहां रात्रि ठहराव के बाद शनिवार को भदसाली, ईसपुर, पंडोगा, खड्ड, पंजावर,नगनोली, गुग्लैहड़, बढेडा राजपूतां, जाडला, लोहारली, चरूड़ू और अंब से होते हुए मुबारकपुर में रूकी और तीसरे दिन घी दा घट्टा,सिद्ध चलेहड़, किन्नू, और भरवाईं होते हुए श्री चिंतपूर्णी जी में संपन्न हुई।
यात्रा में हर आमोखास के साथ साथ राजनीतिक,धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र की अनेक हस्तियां भी शामिल हुईं।
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