दूरदर्शन का वह दौर जब इनको देखने के लिए टीवी खुलते थे, देश भर में एकमात्र चैनल दूरदर्शन उपलब्ध था।

अखण्ड भारत दर्पण (ABD) न्यूज : दूरदर्शन का यह वह दौर था जब इनको देखने के लिए टीवी खुलते थे। न्यूज रीडर रोल मॉडल हुआ करते थे और ये कमोबेश सभी आयु वर्ग में लोकप्रिय थे। बच्चे, युवा, प्रौढ़ या फिर बुजुर्ग सभी पर इनका जादू सर चढ़कर बोलता था। क्या आपको मंजरी जोशी याद है, अविनाश कौर सरीन, सरला माहेश्वरी, सलमा सुलतान, शोभना जगदीश आदि याद हैं ? हां, यादों के किवाड़ आधे-पौने बंद अवश्य हो गए होंगे, धूल की परत जम गई होगी, आज उन्हें खोल देता हूं, झाड़ देता हूं। मुझे यकीन है कि आपको यह सब याद करके अच्छा नहीं, बल्कि बहुत अच्छा लगेगा। यह भारतीय टेलीविजन का सुनहरा युग था। 
देश भर में एकमात्र चैनल दूरदर्शन उपलब्ध था। इस एकमात्र चैनल के प्रति लोगों में गजब की दीवानगी थी। यह उस दौर की कहानी है जब समाचार वाचक (न्यूज़ एंकर) असली स्टार हुआ करते थे। आज लोग न्यूज़ एंकरों से कुढ़ने लगे हैं, चिढ़ने लगे हैं लेकिन उन दिनों प्रेम करते थे। दूरदर्शन के ज्यादातर न्यूज़ एंकर विवाहित थे, बावजूद इसके वे स्वीकार्य हुए और लोगों में उनके प्रति जबरदस्त क्रेज रहा। उन्होंने 1980 के दशक से 1990 के मध्य तक दूरदर्शन और लोगों के दिलोदिमाग पर शासन किया। लोगों ने न केवल स्वीकार किया, बल्कि अनुसरण भी किया। ये दिलों पर राज करते थे। इनकी दिलकश आवाज कानों में शहद घोलती थी।

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