राजस्थान की हाई सिक्योरिटी जेल में कैदियों तक कैसे पहुंचता मोबाइल, हुआ बड़ा खुलासा।

  राजस्थान की हाई सिक्योरिटी जेल में कैदियों तक कैसे पहुंचता मोबाइल, हुआ बड़ा खुलासा।                                                        शकूर खान बारमेर 

जेल में कैसे पहुंचता मोबाइल

करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्या के आरोपी सुमित यादव तक हाई सिक्योरिटी जेल में मोबाइल पहुंचाना इतना आसान है? या जयपुर कमिश्नररेट पुलिस की गिरफ्त में आए विक्रम सिंह उर्फ कालू पुत्र महेंद्र सिंह का क्या सच में हाई सिक्योरिटी जेल में बंद सुमित यादव से पुराना कोई संपर्क है? इसको लेकर एनडीवी की टीम ने रियालिटी चेक किया. 

दरअसल 24 अप्रैल 2024 की रात करीब बजे चित्रकूट थाना को मुखबिर से सूचना मिली कि 200 फीट हीरापुर पूरी चौकी के पास एक संदिग्ध युवक घूम रहा है, जिसके पास कुछ हथियार या अवैध सामग्री हो सकती है. मुखबिर की सूचना पर चित्रकूट थाना की पुलिस ने कल सुबह करीब 4 बजे नीम का विक्रम सिंह उर्फ कालू पुत्र महेंद्र सिंह को हिरासत में लिया.

विक्रम सिंह जिला कोटपूतली का रहने वाला है. उसकी तलाशी लेने पर उसके पास से एक देसी कट्टा, दो जिंदा कारतूस और कैचोडा  K33 व कैचोडा  K 115 दो छोटे कीपैड मोबाइल बरामद किए गए. पुलिस पूछताछ में विक्रम ने बताया कि यह दोनों मोबाइल अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद गोगामेडी हत्याकांड के आरोपी सुमित यादव को जेल के अंदर पहुंचाने थे. उससे पहले ही विक्रम को चित्रकूट थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. 

ऐसे पकड़े गए अन्य आरोपी

जयपुर के पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसेफ ने बताया कि विक्रम सिंह ने कई अहम और बड़े खुलासे किये. विक्रम सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने अजमेर घुघरा निवासी गंगाराम गुर्जर को हिरासत में लिया. गंगाराम गुर्जर अजमेर के घुघरा गांव में जनरल स्टोर चलाता है और अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में दूध, दही, छाछ ऑन डिमांड अपने कर्मचारी महेंद्र के साथ भिजवाया करता था.

महेंद्र हाई सिक्योरिटी जेल के मेन गेट पर तैनात कर्मचारियों को डेयरी का सामान देकर वापस चला जाता था. गंगाराम पर आरोप है कि जेल में बंद गैंगस्टर के परिजनों द्वारा गंगाराम के अकाउंट में रुपए जमा किए जाते थे. ऐसे में अब पुलिस गंगाराम के बैंक खातों की भी जांच कर रही है कि उसके बैंक खातों में कहां-कहां से कितना कितना रुपया जमा हुआ.       जेल प्रहरी पर भी यह आरोप 

जानकारी के अनुसार, अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल के प्रहरी पवन कुमार जांगिड़ और 3 महीने पहले नागौर मेड़ता जेल में ट्रांसफर हुए विक्रम दोनों जेल प्रहरी अजमेर के अपना बाजार से राशन खरीद कर हाई सिक्योरिटी जेल में कड़ी निगरानी में पहुंचते थे, दोनों पर राशन सामग्री के साथ संदिग्ध सामग्री और मोबाइल जेल के अंदर भेजने का आरोप है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है.


पुलिस गिरफ्त में 11 आरोपी

गोगामेडी हत्याकांड  का आरोपी सुमित यादव, जनरल स्टोर संचालक अजमेर निवासी गंगाराम गुर्जर ,देसी कट्टा दो मोबाइल सहित गिरफ्त में आया कोटपुटली निवासी विक्रम सिंह, अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल प्रहरी पवन जांगिड़, नागौर मेड़ता जेल प्रहरी विक्रम सिंह, जयपुर निवासी जीतराम, हरियाणा निवासी साहिल शर्मा, सीसीटीवी का कार्य करने वाला राकेश जांगिड़, भरतपुर हाल अजमेर निवासी मनोज सिंह उर्फ प्रियांशु, किशनगढ़ निवासी रामस्वरूप गजनी, बाड़मेर निवासी नरेश कुमार 1को पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ की है. 

हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं कुख्यात गैंगस्टर*।                          राजस्थान प्रदेश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली हाई सिक्योरिटी जेल में 264 हार्डकोर अपराधियों के लिए स्थान है, अभी 214 हार्डकोर बदमाश इस जेल मे बंद हैं, जिसमें कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग के सदस्य, रोहित गोदारा गैंग, आनंदपाल सिंह की गेंग के सदस्य, कन्हैयालाल टेलर हत्या के आरोपी, राजू ठेहट हत्या के आरोपी, राजू फौजी गैंग ,जगिना गैंग, नूपुर शर्मा की हत्या करने की लिए आया पाकिस्तानी युवक और अजमेर में सर तन से जुदा का नारा लगाने वाला गौहर चिश्ती, सहित देश के जाने-माने गैंगस्टर इसी जेल में बंद है. 


हाई सिक्योरिटी जेल की त्रिस्तरीय सुरक्षा

अजमेर के घुघरा स्थित हाई सिक्योरिटी जेल में सबसे पहले जेल के मुख्य द्वार पर RAC का जवान आने-जाने वालो की तलाशी लेकर रजिस्टर में उनके नाम पते, मोबाइल नंबर की एंट्री करता है. उसके बाद दूसरे नंबर की सुरक्षा में आगंतुक का स्मार्ट वॉच, आभूषण, पर्श, मोबाइल सहित अन्य सामान बाहर ही सुरक्षा कर्मियों की देखरेख में जमा किया जाता है. 

इसके बाद तीसरी और अत्याधुनिक मशीनों से सामानों की जांच की जाती है, जिसमें जेल परिसर में लगे 319 सीसीटीवी कैमरे 24 घंटे पूरे जेल परिसर की निगरानी करते हैं. इसके अलावा जेल में बैगेज स्कैनर, डॉग स्क्वायड, मेटल डिटेक्टर, सेल फोन डिटेक्टर से भी जांच की जाती है

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