लोकसभा में गांधी परिवार से तीसरा सदस्य विपक्ष का नेता बनने जा रहा है. INDIA ब्लॉक की तरफ से राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष चुना गया है. इसके साथ ही राहुल गांधी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा. यह पहली बार है जब राहुल गांधी अपने ढाई दशक से अधिक लंबे राजनीतिक करियर में कोई संवैधानिक पद संभालेंगे।
10 साल बाद लोकसभा को विपक्ष का नेता मिलने जा रहा है. राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद संभालेंगे. मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर INDIA ब्लॉक के फ्लोर नेताओं की बैठक में ये फैसला लिया गया. हालांकि इससे पहले भी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली रह चुका है. 1980, 1989 और 2014 से लेकर 2024 तक ये पद खाली रहा।
राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष होने के बाद वह सरकार के आर्थिक फैसलो की लगातार समीक्षा कर पाएंगे और सरकार के फैसलों पर अपनी टिप्पणी भी कर सकेंगे. राहुल गांधी उस 'लोक लेखा' समिति के भी प्रमुख बन जाएंगे, जो सरकार के सारे खर्चों की जांच करती है. और उनकी समीक्षा करने के बाद टिप्पणी भी करती है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर मंगलवार को इंडिया ब्लॉक की बैठक में ये फैसला लिया गया. इस फैसले को लेकर प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र लिख कर जानकारी दे दी गई है। गांधी परिवार को तीसरी बार ये पद मिला है. गांधी परिवार से सोनिया गांधी विपक्ष की नेता रह चुकी हैं. उन्होंने 13 अक्टूबर 1999 से 06 फरवरी 2004 तक नेता प्रतिपक्ष को जिम्मेदारी निभाई है. इसके अलावा राजीव गांधी 18 दिसंबर 1989 से 24 दिसंबर 1990 तक नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं।
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