केन्या विरोध: भारतीय सरकार ने अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की, प्रदर्शनकारियों ने केन्या की संसद को आग के हवाले किया; हिंसा में 10 लोगों की मौत हुई

 टैक्स बढ़ोतरी से नाराज हजारों लोग मंगलवार को केन्या की संसद में घुस गए और संसद भवन के हिस्से में आग लगा दी। सांसदों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है। हाल ही में संसद ने एक विवादास्पद विधेयक पारित किया था जिसमें नए कर शामिल हैं। भारत सरकार भी देश में बढ़ती हिंसा पर नजर रख रही है।

मंगलवार को केन्या में टैक्स बढ़ाने से नाराज हजारों लोग संसद परिसर में घुस गए, जहां पुलिस ने उन पर गोलीबारी की, जिससे पांच प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के कुछ हिस्सों में आग लगा दी। घटना के समय सांसद टैक्स बढ़ाने के विधेयक पर चर्चा कर रहे थे। नैरोबी में हिंसक झड़पों में 10 लोग मारे गए और 50 घायल हो गए। भारत सरकार ने भी इस हिंसा पर चिंता जताई है और नैरोबी स्थित भारतीय उच्चायोग ने भारतीय नागरिकों के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं।

भारतीय उच्चायोग ने अपने एक्स हैंडल पर एक सलाह जारी की, जिसमें कहा गया है, "केन्या में रह रहे भारतीय नागरिकों को मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। बिना जरूरी कारण के बाहर न निकलें।"वहीं,  हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहें। वहीं, हिंसा से जुड़ी ताजा जानकारी के लिए स्थानीय समाचार और भारतीय उच्चायोग की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल्स पर नजर बनाए रखें।"


नए टैक्स का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी

एक रिपोर्ट में बताया गया है कि विपक्ष के नेता रैला ओडिंगा ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा को तत्काल रोकने की मांग की है और बातचीत तथा अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप का आह्वान किया है। प्रदर्शनकारी नए टैक्स का विरोध कर रहे हैं, जिसमें इको-लेवी भी शामिल है। इससे डायपर जैसी वस्तुओं की कीमत बढ़ जाएगी। हालांकि ब्रेड पर कर लगाने का प्रस्ताव जनता के विरोध के बाद हटा दिया गया था।केन्या के मानवाधिकार आयोग ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने वाले अधिकारियों का वीडियो साझा किया और कहा कि उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।


राष्ट्रपति विलियम रुटो के खिलाफ हो रहे विरोध -प्रदर्शनों के संदर्भ में, आयोग ने एक्स पर पोस्ट किया, "दुनिया आपके अत्याचार देख रही है! यह लोकतंत्र पर हमला है।" केन्या ला सोसाइटी की अध्यक्ष फेथ ओधिआम्बो ने कहा कि उनके निजी सहायक सहित 50 केन्याई लोगों का पुलिस ने अपहरण कर लिया है। मानवाधिकार आयोग ने बताया कि पुलिस द्वारा अपहरण और यातना देने की घटनाएं बढ़ रही हैं। केन्या रेड क्रॉस ने बताया कि उनके वाहनों और कर्मचारियों पर प्रदर्शन के दौरान हमला हुआ, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हमला किसने किया।

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