निर्मल मुखर्जी वक्तव्य रखते हुए।
अखण्ड भारत दर्पण (ABD) न्यूज पश्चिम बंगाल (प्रहलाद प्रसाद उर्फ पारो शैवलिनी की खास रिपोर्ट) : चित्तरंजन में शनिवार की शाम को स्थानीय मिहिर उद्यान में उनकी पुण्यतिथि पर विशेष आयोजन कर उन्हें याद किया गया।सीटू समर्पित चिरेका लेबर यूनियन के बैनर तले उन्हें याद किया गया। शहीद बेदी के समक्ष मिहिर दे अमर रहे के नारे के साथ उन्हें याद किया गया। यूनियन के अध्यक्ष आरएस चौहान ने कहा कि आज से 48 साल पहले आज के ही दिन 1975 में तत्कालीन सरकार के गुण्डों ने उनकी हत्या कर दी। वयोवृद्ध व सेवानिवृत्त चिरेका कर्मी निर्मल मुखर्जी ने कहा मिहिर दे चाहते तो प्रशासन से समझौता कर आराम से रह सकते थे।मगर, यहां के मेहनतकश रेलकर्मियों व श्रमिकों के हित में आवाज बुलंद करने वाले इस श्रमिक नेता ने बलिदान देना स्वीकार किया मगर झूके नहीं। अन्य वक्ताओं में कॉमरेड गोरांगो चटर्जी,राजीव गुप्ता,तपन राय ने भी मिहिर दे के व्यक्तिगत जीवन में संघर्ष के कई प्रसंगों की चर्चा की।
0 Comments