Himachal Tourism: आस्था-रोमांच और सुकून के लिए बेस्ट है सोलन, इन जगहों का पर्यटक कर सकते हैं दीदार; देखें लिस्ट

  हिमाचल में यूं तो कई ऐसी जगह हैं जहां पर्यटकों का तांता लगा ही रहता है। इनमें शिमला-मनाली जैसी जगहें प्रमुख रूप से शामिल है। लेकिन प्रदेश के सोलन (Top Sight to Visit in Solan) एक ऐसी जगह हैं जो शांति-सुकून और एडवेंचर के लिए जानी जाती हैं। यहां कई ऐसे स्थान हैं जहां पर्यटक अनोखा अनुभव प्रतीत करते हैं। आइए इसी क्रम में इन जगहों की चर्चा करते हैं।



 चंडीगढ़ की तरफ से हिमाचल आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे पहला पड़ाव सोलन जिला पड़ता है। यहां 12 महीने पर्यटक आते हैं। गर्मियों में भीड़ बढ़ जाती है।


शिमला जाने वाले पर्यटक यहीं से गुजरते हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व उत्तर प्रदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या अधिक रहती है। कंडाघाट का मोहन शक्तिपीठ के नाम से विख्यात हरठ पार्क पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

मोहन शक्तिपीठ के द्वार पर रथ पर सवार श्रीकृष्ण और अर्जुन की मूर्ति लगी है। भीतर अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। अश्विनी खड्ड के एक छोर पर स्थापित मोहन शक्तिपीठ के अंदर पहाड़ियों के बीच बने पार्क की सुंदरता शक्तिपीठ को चार चांद लगाती है।

शक्तिपीठ के दायें व बायें बने पार्कों में जीवंत नजर आने वाले जानवर हैं। यह धार्मिक स्थल है और पर्यटक यहां पूजा-अर्चना के साथ साथ एडवेंचर का भी आनंद उठा सकते हैं। आसपास कैंपिंग साइट, होटल, रेस्तरां व एडवेंचर की गतिविधियां भी चलती हैं। सोलन के आसपास आप इन स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं।


इन जगहों का करें भ्रमण

चायल: चायल शांत हिल स्टेशन है, जो सबसे ऊंचे क्रिकेट स्टेडियम व काली माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहां राजाओं के समय का ऐतिहासिक चायल पैलेस होटल भी है। जिला में चायल ही एक ऐसा स्थान है जो पूरा देवदार के पेड़ों से घिरा है। सर्दियों में यहां हिमपात होता है। यह स्थान सोलन व शिमला के मध्य है। यहां होटल व होम स्टे भी उपलब्ध हैं।

 कसौली: पहाड़ की चोटी पर स्थित कसौली चंडीगढ़-शिमला मार्ग पर पड़ता है। कसौली अपने विला, रिजार्ट, डेस्टीनेशन मैरिज, बर्थडे सेलिब्रेशन व शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।


यहां पर कई भव्य ऐतिहासिक भवन और सैन्य छावनी है। सोलन से कसौली 26.5 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचा जा सकता है। यहां के लिए सोलन से आप बस, दोपहिया वाहन, टैक्सी व आटो से पहुंच सकते हैं।


डगशाई: चंडीगढ़ से सोलन के रास्ते में सैन्य छावनी है। यहां कई ऐतिहासिक व दिलचस्प स्थान आपको अपनी ओर आकर्षित करेंगे।

 यहां अंग्रेजों के समय की ऐतिहासिक जेल है, जिसे अब म्यूजियम बनाया गया है। यहां अंग्रेजों व कई शासकों की कहानियां आपको देखने को मिलेंगी। यहां एक ऐतिहासिक कब्रिस्तान भी है। लोग चंडीगढ़ व पंचकूला से पिकनिक मनाने के लिए यहां आते हैं। यह स्थान सोलन से करीब 15 किलोमीटर दूर है।


रेलवे स्टेशन बड़ोग: रेलवे स्टेशन बड़ोग पूरे भारत में अपने गौरवमयी इतिहास के लिए मशहूर है। यह स्टेशन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल कालका-शिमला रेल मार्ग पर पड़ता है और आकार में काफी छोटा है।


यह स्टेशन कालका से 42.14 किलोमीटर है। यह स्टेशन नैरोगेज रेल मार्ग की सुरंग के लिए अधिक विख्यात है। अंग्रेजों की ओर से लगभग 120 वर्ष पहले बनाए गए इस रेल मार्ग की सबसे लंबी सुरंग इस स्टेशन से निकलती है।


सुरंग 1143 मीटर लंबी है। निर्माण के दौरान इस सुरंग को बनाने वाले ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग ने अपनी एक गलती पर स्वयं को गोली मार ली थी। सुरंग के बाहर इस इंजीनियर की पूरी कहानी लिखी गई है। सुरंग व स्टेशन के आसपास के दृश्य लुभावने हैं।


शांति व आस्था की तलाश खत्म

हरठ पार्क में आप आस्था के साथ सुकून भरे पल बिता सकते हैं। यहां अधिक ट्रैफिक नहीं है और पहाड़ों की ठंडी हवा आपको आनंदित कर देगी। यहां पहुंचने के लिए आपको हवाई मार्ग से चंडीगढ़ या शिमला आना होगा।




इससे आगे से सोलन के सभी स्थानों के लिए टैक्सी आसानी से मिल जाती है। बसें भी चलती हैं। ट्रेन से कालका-शिमला ट्रैक पर सफर कर सकते हैं। चंडीगढ़ से सोलन के हरठ पार्क की दूरी लगभग 80 किलोमीटर और सोलन शहर से 18 किलोमीटर है।


ठहरने व खाने की चिंता नहीं

सोलन के पर्यटन स्थलों हरठ पार्क, कसौली, डगशाई या फिर चायल जाते हैं तो रास्ते में ठहरने व खानपान के कई रेस्तरां व होटल हैं। कसौली व चायल में होम स्टे और हट उपलब्ध हैं।

कसौली में अच्छे होटल में कमरा चार हजार रुपये तक मिल जाता है। वहीं पर्यटन निगम के होटल बड़ोग में 3100 रुपये में मिल जाता है। सरकारी विश्राम गृह में एक हजार से 1500 रुपये तक में कमरा उपलब्ध हो जाता है। सरकारी विश्राम गृह में पहले से बुकिंग करवानी जरूरी होती है।


सोलन में पंजाबी व चाइनीज खाना मिल जाता है। यहां की सबसे मशहूर बेसन की बर्फी है। लक्कड़ बाजार सोलन में आपको गोलगप्पे भी खूब रास आएंगे।

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