Kargil War 25 Years: भारतीय सेना के इस 'कोबरा' ने अकेले उड़ाए पाकिस्तान के 11 बंकर , 48 दुश्मनों को किया ढेर
राजस्थान में नीमका थाना जिले के छोटे से गांव में जन्मे दिगेंद्र ने अपने साहस और वीरता से इतना बड़ा काम किया कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी भी उनके सामने बौनी हो गई। तोलोलिंग पहाड़ी पर पाकिस्तानी सेना ने कब्जा जमा लिया था। इसे पाकिस्तानी सेना से छुड़ाने में भारतीय सेना के 68 जवान शहीद हो चुके थे। तब तोलोलिंग फतह की जिम्मेदारी दो राजपूताना राइफल्स को दी गई।
1999 में करीब 60 दिन चली करगिल की जंग में भारतीय सेना को सबसे पहली जीत 12-13 जून 1999 की सुबह द्रास सेक्टर की तोलोलिंग पहाड़ी पर मिली थी। तोलोलिंग पहाड़ी पर फतह की जिम्मेदारी 18 ग्रेनेडियर्स के साथ दो राजपूताना राइफल को सौंपी गई। बेहद मुश्किल हालात में मिली इस जीत के कई हीरो थे, जिनमें दो राजपूताना राइफल्स के 10 कमांडो भी शामिल थे। जिन्होंने पहाड़ी पर चढ़कर दुश्मन की छाती पर वार किया और एक के बाद एक दुश्मन के कई बंकर उड़ा दिए। लेकिन दुख की बात यह रही कि उन 10 कमांडो में नौ शहीद हो गए थे। उनमें से सिर्फ एक जिंदा बचे थे, वे थे नायक दिगेंद्र कुमार, जिन्हें सेना में कोबरा के नाम से जाना जाता था।
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