कुल मिलाकर निवेश बैंकिंग गतिविधियों के जरिये जुटाई गई अनुमानित शुल्क राशि पहली छमाही में 11 प्रतिशत घटकर 53.04 करोड़ डॉलर रही।
कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही के दौरान इक्विटी शेयर बिक्री प्रबंधन के लिए निवेश बैंकों को मिली शुल्क राशि 24.4 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई। वित्तीय बाजार के आंकड़े मुहैया कराने वाली एलएसईजी डेटा ऐंड एनालिटिक्स के अनुसार यह वर्ष 2007 के बाद से पहली छमाही में निवेश प्रबंधन बैंकों मिलने वाली सबसे अधिक रकम है।
इक्विटी पूंजी बाजार (ECM) गतिविधियों के माध्यम से जुटाई गई पूंजी 2.5 गुना बढ़कर 29.5 अरब डॉलर हो गई जो रकम प्राप्ति के मामले में अब तक का सबसे बड़ा छमाही आंकड़ा है। ईसीएम में आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO), अनुवर्ती पेशकश, जैसे ब्लॉक डील, अनुवर्ती सार्वजनिक पेशकश (FPO) और पात्र संस्थागत नियोजन (QIP) शामिल हैं।
भारतीय कंपनियों ने 4.4 अरब डॉलर जुटाए जो 2023 की पहली छमाही की तुलना में लगभग दोगुनी रकम है। निर्गमों की संख्या में 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पहली छमाही के दौरान अनुवर्ती पेशकशों ने कुल ईसीएम उगाही में का 85 प्रतिशत योगदान दिया।
वर्ष के दौरान सबसे बड़े ईसीएम लेनदेन में वोडाफोन आइडिया का 2.16 अरब डॉलर का एफपीओ, बीएटी पीएलसी का आईटीसी में 2.11 अरब डॉलर का विनिवेश और इंडस टावर में वोडाफोन पीएलसी की 1.8 अरब डॉलर की हिस्सेदारी बिक्री शामिल थी।
एलएसईजी ने रिपोर्ट में कहा है, ‘औद्योगिक क्षेत्र ने 6.3 अरब डॉलर मूल्य की 21.4 प्रतिशत बाजार भागीदारी के साथ देश की ईसीएम गतिविधि में बड़ा योगदान दिया जो एक साल पहले की तुलना में 96.2 प्रतिशत की वृद्धि थी। दूरसंचार ने 16.6 प्रतिशत बाजार भागीदारी हासिल की। उसका कोष जुटाने से संबंधित आंकड़ा 2023 की पहली छमाही के मुकाबले तेजी से बढ़ा। वित्तीय क्षेत्र ने शीर्ष तीन में जगह बनाई और 14.5 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की। वित्तीय क्षेत्र ने 4.3 अरब डॉलर जुटाए जो एक साल पहले के मुकाबले 57.2 प्रतिशत अधिक है।’
इस बीच, सिटी ईसीएम में शीर्ष पर रहा है। उसने 3.3 अरब डॉलर की रकम जुटाई और 11.3 प्रतिशत की बाजार भागीदारी हासिल की। जेफरीज, कोटक महिंद्रा बैंक, आईआईएफएल और बोफा सिक्योरिटीज दूसरे स्थान के आसपास रहे और उन्होंने 9.2 प्रतिशत से 8.2 प्रतिशत के बीच बाजार भागीदारी हासिल की।
कुल मिलाकर निवेश बैंकिंग गतिविधियों के जरिये जुटाई गई अनुमानित शुल्क राशि पहली छमाही में 11 प्रतिशत घटकर 53.04 करोड़ डॉलर रही। भारत से संबंधित विलय-अधिग्रहण गतिविधियां 2024 की पहली छमाही में 37.3 अरब डॉलर पर पहुंच गईं जो एक साल पहले के मुकाबले 4.4 प्रतिशत की वृद्धि है।News source
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