इन संकेतों से करें अपनी हाई सोडियम डाइट की पहचान, मैनेज करने के लिए अपनाएं ये टिप्स

 नमक हमारी डाइट का एक अहम हिस्सा है जिसके बिना खाना बिल्कुल बेस्वाद लगता है। नमक सोडियम का एक प्रकार है जो हमारे शरीर के कई जरूरी कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि इसकी सीमित मात्रा ही सेहत को फायदा पहुंचाती है। ज्यादा मात्रा में सोडियम हानिकारक हो सकता है। ऐसे में High Sodium Diet को मैनेज करने के लिए ये तरीके अपनाएं

सोडियम शरीर के लिए एक जरूरी मिनरल है, जो पेट में एसिड बनाने के लिए, पानी का संतुलन बनाए रखने में, मांसपेशियों को कॉन्ट्रैक्ट करने में, गट में न्यूट्रिएंट एब्जॉर्ब करने में, नर्व इंपल्स कंडक्ट करने में, पानी और मिनरल के बीच बैलेंस बनाए रखने में और ब्लड प्रेशर बैलेंस करने जैसे जरूरी काम में पड़ती है। बात जब ब्लड प्रेशर की होती है, तो हमें ये समझना जरूरी हो जाता है कि सोडियम को रेगुलेट कैसे करना है। पसीने से, उल्टी या डायरिया से और पेशाब के लिए ली जाने वाली खास दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के रूप में शरीर से सोडियम की मात्रा कम होती है।

क्या है सोडियम?

सोडियम क्लोराइड यानी नमक में 40% सोडियम और 60% क्लोराइड की मात्रा पाई जाती है। ज्यादा नमक का सेवन बीपी के मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन बिना नमक का खाना फीका सा लगता है, जिसके कारण लोग खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें नमक की मात्रा बढ़ाते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे पहचानें आपकी डाइट हाई सोडियम है या नहीं

लगातार सिरदर्द

ब्रेन फॉग

मांसपेशियों में अकड़न

लाइट से सेंसिटिविटी

एनर्जी कम महसूस करना

इन सभी लक्षणों के महसूस होने पर अपने सोडियम लेवल की जांच करा लेनी चाहिए और उसी अनुसार अपनी हाई सोडिजम डाइट को मैनेज करना चाहिए।


ऐसे में मैनेज करें अपनी हाई सोडियम डाइट–

खाने को नमक की जगह नेचुरल हर्ब या नो एडेड सॉल्ट वाले सीजनिंग से सीजन करें। ऐसे फ्लेवर बूस्टर रखें जिससे खाने का स्वाद दोगुना हो जाए और नमक की कमी भी न खले। एप्पल साइडर विनेगर, रेड वाइन विनेगर, लो सोडियम हॉट सॉस, एरोमेटिक हर्ब, रोजमेरी , तुलसी, अदरक, हल्दी, नींबू का जूस जैसी चीजें खाने में फ्लेवर लाती हैं, जिससे खाने में अच्छे फ्लेवर के साथ नमक का स्वाद संतुलित लगता है।

पैकेज्ड या प्रोसेस्ड फूड की जगह फ्रेश फूड सर्व करें, जिसमें नमक की मात्रा कम रखें। 75% सोडियम जो हम खाते हैं वो प्रोसेस्ड फूड जैसे चीज, पिज्जा, सॉस आदि से आती है। ऐसे खाने से परहेज करें। फल और सब्जियों का अधिक सेवन करें।

बचपन से ही बच्चे को लो सोडियम डाइट देना चाहिए, जिससे एक समय के बाद उसे बीपी या मोटापे की समस्या का सामना न करना पड़े।

कोई भी फूड आइटम खरीदने से पहले उसके ऊपर लिखे लेबल को जरूर पढ़ें। अन–साल्टेड या लो सोडियम वर्जन के प्रोडक्ट ही चुनें।

ड्राई बीन्स या ऐसे अनाज चुनें जिससे सही सोडियम की मात्रा को अपने अनुसार कंट्रोल किया जा सके

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।News source

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