बच्चों को तेजी अपना शिकार बना रहे हैं ये 5 Childhood Cancer, समय रहते माता-पिता दें ध्यान

 

बच्चों को तेजी अपना शिकार बना रहे हैं ये 5 Childhood Cancer, समय रहते माता-पिता दें ध्यान

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, ऐसे में कुछ कैंसर बच्चों को तेजी से अपना शिकार बना रहे हैं, ऐसे में माता-पिता को कुछ लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए

चाइल्ड पीडियाट्रिक कैंसर का बच्चों और उनके परिवारों पर बहुत नेगेटिव प्रभाव पड़ता है, इसलिए यह अभी भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. इन कैंसरों की शीघ्र पहचान और समझ से परिणामों में सुधार हो सकता है. आइए डॉ. ऊष्मा सिंह (डायरेक्टर- पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी और हेमाटोलॉजी , एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल सोनीपत ) से जानते हैं उन 5 कैंसर हैं जिनके बारे में माता-पिता को जरूर जानना चाहिए.

1. ल्यूकेमिया –ल्यूकेमिया बच्चों में सबसे सामान्य प्रकार का कैंसर है, जो रक्त और अस्थिमज्जा को प्रभावित करता है। यह कैंसर सफेद रक्त कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि के कारण होता है। ल्यूकेमिया के लक्षणों में अत्यधिक थकान, बुखार, बार-बार संक्रमण, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, और त्वचा पर आसानी से चोट लगना शामिल हैं। माता-पिता को इन लक्षणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए और समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

2. ब्रेन ट्यूमर

ब्रेन ट्यूमर भी बच्चों में एक आम कैंसर है, जो मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में बनता है। इसके लक्षणों में सिरदर्द, मिचली, उल्टी, दृष्टि समस्याएं, संतुलन और समन्वय में कठिनाई शामिल हैं। ब्रेन ट्यूमर का शीघ्र निदान और इलाज बच्चे के जीवन की गुणवत्ता और जीवित रहने की संभावना को बढ़ा सकता है।

3. न्यूरोब्लास्टोमा

न्यूरोब्लास्टोमा एक प्रकार का कैंसर है जो नर्वस सिस्टम में विकसित होता है, विशेष रूप से एड्रिनल ग्लैंड्स के आसपास। यह आमतौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में पेट में गांठ, थकान, भूख में कमी, वजन कम होना, और हड्डियों में दर्द शामिल हैं। यह महत्वपूर्ण है कि माता-पिता इस तरह के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें।

4. लिंफोमा

लिंफोमा एक प्रकार का कैंसर है जो लिंफेटिक सिस्टम को प्रभावित करता है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हौजकिन और नॉन-हौजकिन लिंफोमा दो प्रमुख प्रकार हैं। लिंफोमा के लक्षणों में गर्दन, बगल, या कमर में गांठ, बुखार, रात को पसीना आना, वजन कम होना, और थकान शामिल हैं। प्रारंभिक चरण में पहचान और इलाज से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।

5. रेटिनोब्लास्टोमा

रेटिनोब्लास्टोमा एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है जो आंख के रेटिना को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर छोटे बच्चों में पाया जाता है और शुरुआती चरण में पहचान के लिए नियमित आंख की जांच महत्वपूर्ण होती है। इसके लक्षणों में आंख में सफेद रिफ्लेक्स, आंख की लाली, आंख की पुतली का बढ़ना, और दृष्टि समस्याएं शामिल हैं। प्रारंभिक निदान और इलाज से दृष्टि को बचाया जा सकता है और कैंसर के फैलने की संभावना को कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष

चाइल्ड पीडियाट्रिक कैंसर के बारे में जागरूकता और शीघ्र पहचान बहुत महत्वपूर्ण है। माता-पिता को इन पांच प्रमुख कैंसरों के लक्षणों को पहचानना चाहिए और किसी भी संदिग्ध लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय पर चिकित्सकीय परामर्श और सही इलाज से बच्चों के जीवन की गुणवत्ता और जीवित रहने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है। डॉ. ऊष्मा सिंह की सलाह मानकर, नियमित स्वास्थ्य जांच और सही जीवनशैली अपनाकर हम अपने बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।




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