Himachal News: शिक्षा विभाग ने 1049 TGT शिक्षकों को दी नौकरी मगर परमानेंट होने से पहले ही हो जाएंगे रिटायर; ऐसा क्यों?

 हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभआग ने 1049 शिक्षकों को बैच वाइज के आधार पर नियुक्ति दी है। इनमें तीन शिक्षक तथा शिक्षिकाएं ऐसे हैं जिनकी उम्र 56 साल है। इन्हें अनुबंध आधार पर नियुक्ति मिली है। ऐसे में नियमित होने से पहले ही ये सेवानिवृत हो जाएंगे। इसी क्रम में ये अध्यापक केवल तीन साल तक ही अपनी सेवाएं दे सकेंगे।

शिक्षा विभाग ने 1049 टीजीटी शिक्षकों को बैच वाइज आधार पर नियुक्ति दी है। बैच वाइज आधार पर नियुक्त होने वालों में 3 शिक्षक व शिक्षिकाएं ऐसी हैं, जिनकी आयु 56 साल व इससे अधिक है। बीएड की डिग्री इन्होंने 30 से 33 साल पहले की थी।


अब जाकर इनका बैच वाइज आधार पर नंबर आया है। अनुबंध आधार पर इन्हें नियुक्ति मिली है। नियमित होने से पहले ही ये सेवानिवृत हो जाएंगे। इसी तरह 12 शिक्षक ऐसे हैं जिनकी आयु सीमा 55 साल हैं।


यानी 3 साल ही ये अपनी सेवाएं दे सकेंगे। 1049 तके से 300 से ज्यादा ऐसे शिक्षकों को बैच वाइज आधार पर नियुक्ति मिली है जिनकी आयु शिक्षक ऐसे हैं जिनकी आयु 50 से 56 के बीच हैं। विभाग ने इन पदों को भर तो दिया है लेकिन 2 से 4 सालों के भीतर सेवानिवृति के चलते ये पद फिर से खाली हो जाएंगे।

ज्यादातर अन्य प्रोफेशन में, इसलिए प्रशिक्षण

बैच वाइज आधार पर शिक्षा विभाग ने टीजीटी को नियुक्ति दी है। इनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।


पहली बार प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इन शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाने का निर्णय लिया है। विभाग का तर्क है कि ज्यादातर शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने सालों पहले बीएड की डिग्री की है। कई अन्य प्रोफेशन में हैं। हालांकि कुछ निजी स्कूलों में पढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। पढ़ाई की आधुनिक तकनीक के बारे में इन्हें प्रशिक्षण में सिखाया जाएगा।


इस तरह से होती है नियुक्ति

प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक यानि टीजीटी के पद पर नियुक्तियां तीन तरह से होती है। इसमें पहले सीधी भर्ती यानि कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से यह पद भरे जाते हैं। इसके अलावा कुछ पद बैच वाइज आधार पर भरे जाते हैं। तीसरे पद्दोन्नति से पदों को भरा जाता है।


इसके अलावा स्पोर्टस, एक्ससर्विसमैन कोटा भी होता है। हालांकि, शैक्षणिक योग्यता में कोई छूट नहीं होती। सरकारी नौकरी करना डिग्री धारकों का सपना होता है।

डिग्री पूरी करने के बाद कमिशन पास कर कुछ अभ्यर्थियों को नौकरी मिल जाती है, लेकिन जिनका कमिशन पास नहीं होता उन्हें बैचवाइज आधार पर नौकरी के लिए इंतजार करना पड़ता है।


क्या हैं नियम?

नियमों के तहत सरकारी नौकरी में आने के लिए 45 साल उम्र तय है। इस उम्र तक उम्मीदवार कमीशन उत्तीर्ण कर नियुक्ति ले सकता है, जबकि बैचवाइज आधार पर नौकरी के लिए आयु सीमा की छूट होती है।


शिक्षा विभाग के अनुसार बीएड डिग्री धारक इतने ज्यादा हैं कि सरकारी क्षेत्र में बैचवाइज भर्ती का नंबर आते-आते सेवानिवृत्ति की उम्र तक आ जाती है।


एक लाख के करीब है बीएड डिग्री धारक

हिमाचल से हर साल 8500 छात्र रेगुलर बीएड करते हैं। इसके अलावा पत्राचार व बाहरी राज्यों से भी करीब 3 से 4 हजार छात्र बीएड की डिग्री करते हैं।


जितने छात्र बीएड करते हैं उतनी वैकेंसी सरकारी विभागों में नहीं निकलती। इसलिए बैच वाइज के लिए एक लंबी लाइन बन गई है। प्रदेश में 1 लाख से करीब युवा ऐसे हैं जिन्होंने बीएड की डिग्री की है, लेकिन अभी उन्हें नौकरी नहीं मिली है।

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