इजरायली सैनिकों ने युवा को पैर पर गोली मारकर नंगा कर कार के बोनेट पर डाल दिया
Israel Hamas War: इजरायली सेना आईडीएफ फिलिस्तीनी आतंकियों का बेरहमी से सफाया करने में लगी हुई है। हमास और इजरायल के बीच युद्ध को नौ महीने हो चुके हैं, लेकिन न तो हमास ने पूरी तरह से आत्मसमर्पण किया है और न ही इजरायल ने अपना अभियान बंद किया है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि एक अस्थायी युद्धविराम पर विचार किया जा सकता है लेकिन युद्ध तब तक नहीं रुकेगा जब तक इसके दो उद्देश्य पूरे नहीं हो जाते।
पहला- हमास का पूरी तरह से सफाया और दूसरा- इजरायली बंधकों की रिहाई। गाजा और राफा शहरों में अपने अभियान के दौरान इजरायली सेना न सिर्फ आतंकियों बल्कि मासूम फिलिस्तीनियों पर भी जुल्म ढा रही है। इसका हालिया उदाहरण तब देखने को मिला जब इजरायली सेना ने दो फिलिस्तीनी युवकों को कार के बोनट से बांधकर घुमाया।
आईडीएफ के अत्याचारों के शिकार
इन युवकों ने इजरायली सेना की घिनौनी करतूत बयां की है। उन्होंने बताया कि कार के बोनट से बांधने से पहले सेना ने उनके पैरों में गोली मारी। इसके बाद उन्हें लात-घूंसों से पीटा और उनकी पैंट उतारकर कार के बोनट पर लिटा दिया। इस दौरान वे सेना के सामने गिड़गिड़ा रहे थे। इजराइली सेना के अत्याचारों का शिकार हुए युवकों के नाम मुजाहिद अबादी बलास और 23 वर्षीय समीर दबाया हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक,
दोनों ने अस्पताल में भर्ती होने के दौरान बताया कि किस तरह इजराइली सेना ने उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया। दोनों युवकों का कहना है कि सेना ने कुछ दिन पहले भी उनके साथ ऐसा ही व्यवहार किया था। पता चला है कि आईडीएफ ने दोनों युवकों को एक ही नंबर की कार के बोनट पर अलग-अलग समय पर लेटाकर घुमाया था। यह घटना सेना के ऑपरेशन स्थल जेनिन के बाहरी इलाके जबरियात में अंजाम दी गई थी।
पैर में मारी गोली और फिर उतरवा दिया पैंट
समीर ने बताया कि इजराइली सेना ने उसे पीछे से गोली मारी। गोली उसके पैर में लगी थी। जब वह जमीन पर पड़ा था और लगातार खून बह रहा था, तब सेना के जवानों ने उसका बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखा। कुछ देर बाद जवान उसके पास आए और उसे लात-घूंसे मारने लगे। जब उसने उठने की कोशिश की, तो उसके सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर बंदूक के पिछले हिस्से से कई बार वार किए गए। इसके बाद उसे जबरदस्ती खड़ा किया गया। उसकी पैंट उतार दी गई और उसे पूरी तरह नंगा कर दिया गया। इसके बाद उसे कार की बोनट पर लेटने को कहा गया।
आईडीएफ ने युवक के साथ की घिनौनी हरकत
समीर ने आगे बताया कि जब सेना ने उसे कार की बोनट पर लेटने को कहा तो कार का अगला हिस्सा बहुत गर्म था। इतना कि वह इसे सहन भी नहीं कर पा रहा था। इस दौरान वह सेना के जवानों के सामने गिड़गिड़ा रहा था, लेकिन जवान नहीं माने। उससे कहा गया कि अगर उसे अपनी जान बचानी है तो उसे ऐसा करना होगा। इसके बाद उसे रस्सियों से बांधकर कार की बोनट पर लिटा दिया गया। इस दौरान वह लगातार प्रार्थना कर रहा था। उसने बताया कि उसे ऐसा लग रहा था कि यह उसका आखिरी पल है। हालांकि, किस्मत से वे दोनों बच गए।
आईडीएफ ने माना- हमारे जवानों से हुई गलती
दूसरी ओर, कार की बोनट पर लेटे हुए फिलिस्तीनी युवकों को परेड कराने के लिए इजरायली सेना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। आईडीएफ ने इस मामले में बयान दिया है कि यह कृत्य वाकई गलत है और आईडीएफ कभी भी ऐसे कृत्यों को बढ़ावा नहीं देता है। आईडीएफ ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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