भारत में पहली बार हो रही विश्व धरोहर समिति की बैठक, प्रधानमंत्री मोदी करेंगे शुभारंभ

भारत में पहली बार हो रही विश्व धरोहर समिति की बैठक, प्रधानमंत्री मोदी करेंगे शुभारंभ


Delhi News: पहली बार संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक हो रही है. दिल्ली के भारत मंडपम में 21 से 31 जुलाई 2024 तक होने वाली इस बैठक की मेजबानी करने के लिए देश पूरी तरह से तैयार है.

जी-20 समिट के बाद देश में पहली बार अंतराष्ट्रीय स्तर पर विश्व धरोधर समिति के सत्र का आयोजन किया जा रहा है. इस बैठक में 150 से अधिक देशों के 2000 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के डेलीगेट्स हिस्सा लेंगे

21 जुलाई 2024 को केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी की मौजूदगी में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह का उद्घाटन करेंगे. नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले और विभिन्न देशों के संस्कृति मंत्री, राजदूत और डोमेन विशेषज्ञ भी भाग लेंगे. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय यूनेस्को के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है.

विश्व धरोहर समिति की बैठक साल में केवल एक बार ही होती है. यह विश्व धरोहर से संबंधित सभी मामलों के प्रबंधन और विश्व धरोहर सूची में शामिल करने को लेकर निर्णय लेती है. इस बैठक के दौरान 124 विद्यमान विश्व धरोहर संपत्तियों की संरक्षण रिपोर्ट की स्थिति, अंतर्राष्ट्रीय सहायता और विश्व धरोहर निधियों के उपयोग और विश्व धरोहर सूची में नए स्थलों को नामांकित करने के प्रस्ताव आदि पर चर्चा की जाएगी. विश्व धरोहर समिति बैठक में 150 से अधिक देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. उनकी संख्या 2000 से अधिक है.

विश्व धरोहर समिति की बैठक के साथ-साथ विश्व धरोहर स्थल प्रबंधकों का मंच और विश्व धरोहर युवा पेशेवरों का मंच का आयोजित किया जा रहा है.

विश्व धरोहर समिति के सत्र का क्या है एजेंडा?

इस सत्र में 27 स्थलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए विभिन्न देशों के प्रस्तावों की जांच की जाएगी. प्रस्तावित सूची में भारत के मोइदम – भारत के अहोम राजवंश की टीले-दफन प्रणाली शामिल है.

सत्र में 124 विश्व धरोहर स्थलों के संरक्षण की स्थिति पर भी विचार किया जाएगा, जिनमें 57 स्थल ऐसे हैं जिन्हें खतरे में पड़ी विश्व धरोहर के रूप में पहचाना गया है.

विश्व धरोहर समिति में 21 सदस्य हैं. सदस्यों का चुनाव विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण से संबंधित 1972 के कन्वेंशन के 195 हस्ताक्षरकर्ता देशों द्वारा किया जाता है.

विश्व धरोहर समिति के क्या हैं मुख्य काम?

समिति उन दो संस्थाओं में से एक है जिन्हें विश्व की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण से संबंधित 1972 के कन्वेंशन के कार्यान्वयन का कार्य सौंपा गया है.

इस बैठक में विरासत स्थलों के लिए देशों के प्रस्तावों की जांच की जाती है और फिर उसे धरोहर सूची में शामिल किया जाता है.

यह यूनेस्को की सलाहकार निकायों और सचिवालय द्वारा किए गए विश्लेषणों के आधार पर यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में पहले से शामिल स्थलों के संरक्षण की स्थिति का भी आकलन करती है.

भारत में कितने हैं विश्व धरोहर स्थल

यूनेस्को की ओर से तीन श्रेणियों में सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित में विरासत स्थलों की मान्यता दी जाती है. वर्तमान में 1199 विरासत स्थल विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं. यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में इटली के सबसे ज्यादा 59 स्थल हैं, जबकि चीन के 57 स्थल हैं.

भारत 42 स्थलों के साथ छठे स्थान पर है, जबकि कर्नाटक का होयसल मंदिर 42वां भारतीय स्थल है. पहले स्थलों में अजंता गुफा, एलोरा गुफा (दोनों महाराष्ट्र में), आगरा में ताजमहल और उत्तर प्रदेश में आगरा किला शामिल थे. इन सभी स्थलों को 1983 में शामिल किया गया था.

Post a Comment

0 Comments

Close Menu