हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में किन्नर कैलाश की यात्रा एक अगस्त से शुरू हो रही है। ऐसे में प्रशासन ने यात्रा को लेकर तैयारियां कर ली हैं। प्रशासन की ओर से पंजीकरण की यह सुविधा ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों रूप में उपलब्ध रहेगी। हिंदू और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए यह स्थान काफी पवित्र माना जाता है। वहीं पर्वत की ऊंचाई 6050 मीटर है
किन्नर कैलाश की यात्रा के लिए किन्नौर प्रशासन ने पंजीकरण की तिथि 25 जुलाई सुबह 11 बजे से शुरू करने की घोषणा जारी की है। प्रशासन की ओर से पंजीकरण की यह सुविधा ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों रूप में की जाएगी।
जिला पर्यटन अधिकारी किन्नौर एवं एसडीएम कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता ने बताया कि किन्नौर जिला के तांगलिंग रूट से किन्नर कैलाश की यात्रा आयोजित की जा रही है।
आगामी 1 से 26 अगस्त तक आयोजित होने वाले किन्नर कैलाश की यात्रा को लेकर ऑनलाइन व ऑफलाइन पंजीकरण 25 जुलाई सुबह 11 बजे से शुरू कर दी जाएगी।
ऑफलाइन पंजीकरण की भी है सुविधा
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पंजीकरण के लिए वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करना होगा जबकि ऑफलाइन पंजीकरण यात्रा वाले दिन ही यात्री तांगलिंग गांव में जाकर करवा सकता है।
यात्रा अवधि के दौरान एक दिन में 200 ऑनलाइन व 150 ऑफलाइन पंजीकरण करवाए जाएंगे। वही उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति एक से ज्यादा बार पंजीकरण नहीं करवा सकते है।
यात्रियों को यात्रा के दौरान मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य होगा और मेडिकल फिटनेस फॉर्म 25 जुलाई से इसी वैबसाइट पर उपलब्ध होगा
क्या है किन्नौर कैलाश यात्रा
किन्नौर कैलाश भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में एक पर्वत है। किन्नौर कैलाश की ऊंचाई 6050 मीटर है और इसे हिंदू और बौद्ध दोनों द्वारा पवित्र माना जाता है। इस स्थान को भगवान शिव शीतकालीन प्रवास स्थल माना जाता है।
भगवान शिव की तपोस्थली किन्नौर के बौद्ध लोगों और हिंदू भक्तों की आस्था का केंद्र किन्नर कैलाश स्थित शिवलिंग की ऊंचाई 40 फीट और चौड़ाई 16 फीट है। हर वर्ष सैकड़ों शिव भक्त जुलाई व अगस्त में जंगल व खतरनाक दुर्गम मार्ग से हो कर किन्नर कैलाश पहुंचे हैं
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