हिमाचल (Himachal News) की सरकारी स्कूलों को हाईटेक बनाने के दिशा में उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को पत्र जारी कर तकनीक की मदद से पढ़ाने के निर्देश दिए हैं। जिसका उद्देश्य व्यावहारिक और अनुभावात्मक शिक्षा को बढ़ावा देना है। इसके लिए शिक्षकों को भी एक विशेष प्रशिक्षण सत्र से गुजरना होगा।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का तरीका बदलेगा। शिक्षा विभाग तकनीक के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाएगा। स्कूलों में बनी अटल टिंकरिंग लैब के शैक्षिक प्रभाव को बढ़ाया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने इसको लेकर निर्देश जारी किए हैं।
उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को एक पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अटल टिंकरिंग लैब के शैक्षिक प्रभाव को बढ़ाया जाए। लैब के अधिक उपयोग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत कार्यशालाएं और प्रशिक्षण सत्र शुरू किए जाएंगे। सामुदायिक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। रिकॉर्ड और बुकिंग सिस्टम बदला जाएगा।
विशेष प्रशिक्षण सत्रों से गुजरेंगे शिक्षक
निदेशक ने बताया कि रोबोटिक्स, थ्रीडी प्रिंटिंग, कोडिंग और इलेक्ट्रानिक्स जैसे अत्याधुनिक विषयों पर निर्धारित कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। शिक्षक विशेष प्रशिक्षण सत्रों से गुजरेंगे। रचनात्मकता और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यार्थियों के नेतृत्व वाली परियोजनाएं और प्रतियोगिताएं शुरू की जाएंगी।
सहयोगी शिक्षण वातावरण की सुविधा के लिए लैब क्लब भी स्थापित किए जाएंगे, जहां विद्यार्थी विचारों को साझा कर सकते हैं और एक साथ अभिनव परियोजनाओं पर काम कर सकते हैं। लैब सुविधाओं तक पहुंच और उपयोग को व्यापक बनाने के लिए पड़ोसी स्कूलों के साथ साझेदारी की जाएगी।
व्यावहारिक शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
इस पहल का उद्देश्य व्यावहारिक शिक्षा और अनुभावात्मक शिक्षा के लाभों को व्यापक छात्रों तक पहुंचाना है। लैब की परिवर्तनकारी क्षमता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) या स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) की बैठकों के दौरान ओपन हाउस कार्यक्रम व प्रदर्शन आयोजित करने की योजना भी बनाई गई है।
निदेशक ने बताया कि लैब संसाधनों के उपयोग को ट्रैक करने और छात्र भागीदारी की निगरानी करने के लिए रिकार्ड रखने की प्रणाली स्थापित की जाएगीNews source
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