कांग्रेस हिमाचल में क्यों हारी लोकसभा चुनाव, फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सर्वे में हुए बड़े खुलासे
Himachal News: कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने हिमाचल में हार के कारण जुटा लिए हैं। लोकसभा चुनावों में हार के लिए जिम्मेदार फैक्ट में दूसरे दिन कुछ बड़े खुलासे हुए हैं। इनमें एक टिकट आबंटन में देरी भी शामिल है। चारों लोकसभा सीटों पर दो दिन तक चले मंथन के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर अब कमेटी एक रिपोर्ट तैयार करेगी और इस रिपोर्ट को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े समेत तमाम आला नेताओं के सुपुर्द किया जाएगा।
कमेटी ने हिमाचल में हार के कारणों को लेकर राज्यस्तर से ब्लॉक तक एक-एक नेता और पदाधिकारी से बात की है। इस दौरान हुई बातचीत में जो तथ्य सामने रखे गए हैं, उन्हें नोट किया गया है। वन-टू-वन मुलाकात में पदाधिकारियों ने कांग्रेस की हार के पीछे अनगिनत कारणों को जिम्मेदार ठहराया है। दूसरे दिन कांगड़ा और शिमला संसदीय सीट की चर्चा में भी ज्यादातर पदाधिकारियों ने राममंदिर निर्माण, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रचार, टिकट बंटवारे में देरी और लोकसभा चुनाव में धनबल के जोर को कारण बताया है।
भले ही हिमाचल में 2014 के बाद से कांग्रेस लोकसभा का कोई भी मुख्य चुनाव नहीं जीत पा रही है, लेकिन इस बार के चुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर बढऩे को नेताओं ने राहत के रूप में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के समक्ष बयां किया है। फिलहाल कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार फैक्ट में दूसरे दिन कुछ और बड़े खुलासे हुए हैं।
इनमें एक टिकट आबंटन में देरी भी शामिल है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की इस बैठक के बाद संगठन के स्तर पर भी बदलाव की संभावनाएं बढ़ गई हैं। ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों ने तालमेल में कमी और अफसरशाही में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काम न होने की बात भी कही है। मंगलवार को शिमला संसदीय क्षेत्र की बैठक में कोई भी मंत्री रिपोर्ट देने नहीं पहुंचा। इसकी भी चर्चा बैठक के दौरान हुई है।
हालांकि कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने बताया कि शिमला संसदीय क्षेत्र के तीन मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल, हर्षवर्धन चौहान और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर पहले ही कमेटी से अलग-अलग मुलाकात कर चुके हैं। महासचिव रजनीश किमटा ने कहा कि कमेटी ने नेताओं और पदाधिकारियों से बातचीत की है। सामान्य मीटिंग नहीं थी। सभी से अलग-अलग वन-टू-वन बातचीत हुई है। सभी ने अपना पक्ष कमेटी के सामने रख दिया है। अब राष्ट्रीय नेतृत्व ही इस रिपोर्ट के आधार पर आगामी कदम उठाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंची फैक्ट फाइंडिंग कमेटी
शिमला – अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के कारणों के विश्लेषण के लिए गठित दो सदस्य समिति पूर्व सांसद पीएल पुनिया और सांसद रजनी पाटिल ने दोपहर बाद विधानसभा सचिवालय में अध्यक्ष कुलदीप पठानिया से मुलाकात की। इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार भी उपस्थित थे। शिष्टाचार भेंट के दौरान कमेटी के दोनों सदस्यों पीएल पुनिया व सांसद रजनी पाटिल ने विधानसभा अध्यक्ष के साथ कई महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों सदस्यों का इस शिष्टाचार भेंट के लिए धन्यवाद किया ।
फीडबैक के आधार पर भविष्य में उठाएंगे कदम
हिमाचल में लोकसभा चुनाव की हार के तथ्य खंगालने पहुंची टीम की सदस्य सांसद रजनी पाटिल ने कहा है कि उन्होंने दो दिन तक प्रदेश के नेताओं और पदाधिकारियों की भावनाओं को जानने का प्रयास किया है। जो फीडबैक मिला है भविष्य में उसके आधार पर कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार और संगठन में खींचतान रहती है। भविष्य में सरकार और संगठन में तालमेल को बेहतर बनाएंगे। कहा कि टिकट में देरी एक कारण के तौर पर सामने आई है। भाजपा के प्रचार के दो से तीन राउंड पूरे हो चुके थे। लेकिन तब तक कांग्रेस के कार्यकर्ता टिकट का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो फीडबैक मिला है उसकी रिपोर्ट आला नेताओं को दी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर आधी-अधूरी बात करना सही नहीं रहेगा।
सारे तथ्य जुटा लिए हैं अब तैयार करेंगे रिपोर्ट
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के दूसरे सदस्य पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने बताया कि प्रदेश में हार के कारण जानने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक को-ऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की है। यहां से जाने के बाद रिपोर्ट तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि अब आम लोग चाहते हैं कि उनके बारे में भी बात हो। जो रोजमर्रा की दिक्कत परेशानियां हैं, उनके बारे में कोई नहीं बोल रहा है। भाजपा नेताओं को एक टारगेट मिला है कि गांधी परिवार के खिलाफ ही बोलते रहो। उपचुनाव में 13 में से 10 सीअें इंडिया गठबंधन ने जीती हैं। बद्रीनाथ की सीट जीती है, अयोध्या की सीट भी जीती है। जो आरोप थे, वे खोखले साबित हुए हैं। जब केंद्र की भाजपा सरकार को लगता है कि जमीन खिसक रही है, तो वे वेबुनियाद बातों का सहारा लेते हैं।
कांगड़ा में टिकट में देरी राम मंदिर भी बड़ा कारण
सीपीएस आशीष बुटेल ने कहा कि कांगड़ा में कांग्रेस की जीत के लिए सबने मेहनत की। कैंडीडेट सक्षम थे। सबसे चर्चा होने के बाद फैसला हुआ था। अब फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के पदाधिकारियों को रिपोर्ट दी गई है। धनबल का प्रयोग, टिकट में देरी का असर कांगड़ा के चुनावों में रहा है। आनंद शर्मा बड़ा चेहरा थे। हाइकमान ने उन्हें चुनाव लडऩे भेजा था। राज्यसभा सांसद और मंत्री रहते उन्होंने कांगड़ा के लिए बहुत कुछ किया था। हालांकि इस बार कंाग्रेस का मत प्रतिशत बढ़ा है। भाजपा की लीड कम हुई है। अगली बार कांग्रेस की जीत होगी। राम मंदिर को भाजपा ने भुनाया है। राम मंदिर सबका है। धर्म और राजनीति को आपस में जोडऩा गलत बात है। फिर भी कार्यकर्ताओं ने डटकर काम किया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को किसी से नाराजगी नहीं।
आनंद शर्मा बड़ी दिलेरी से लड़े, पर समय कम मिला
पूर्व मंत्री आशा कुमारी ने कहा कि कांगड़ा में आनंद शर्मा ने दिलेरी के साथ चुनाव लड़ा, लेकिन समय कम था और लोगों के समर्थन को वोट में नहीं बदल पाए। कांग्रेस को सिर्फ हिमाचल ही नहीं, उत्तराखंड और जम्मू समेत पड़ोसी राज्यों में हार मिली है। राममंदिर लोकसभा चुनाव में मुद्दा रहा है, लेकिन राम मंदिर के असली तथ्य अब सामने आ रहे हैं। अगर उस समय बारिश हो गई होती, तो राममंदिर निर्माण का झूठा श्रेय लेने का प्रयास सबके सामने आ जाता और परिणाम कुछ और होते। कांग्रेस ने 2022 में चुनाव लड़ा था, तो 40 सीटें जीती थी। नौ उपचुनाव में कांग्रेस ने फिर छह सीटें जीतकर सदस्यों की संख्या 40 कर ली है। स्पष्ट बहुमत कांग्रेस को मिला है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है। लोकसभा में टिकट सोच समझ कर दिया गया था।
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