Himachal Tourism शिमला में पर्यटन कारोबार पर मानसून भारी पड़ गया है। वीकेंड पर सिर्फ 20 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी हुई है। मानसून की शुरूआत के साथ शिमला में एक दो जगह पर भूस्खलन की घटनाओं का पर्यटन कारोबार पर काफी असर पड़ा। पिछले चार सालों में इस वर्ष गर्मियों के दिनों में सबसे ज्यादा पर्यटक शिमला आए। अब बरसात के आने से पर्यटन कारोबार को फिर से झटका लगा है।
Himachal Tourism: राजधानी शिमला में मानूसन की शुरूआती बारिश पर्यटन कारोबार पर भारी पड़ रही है। मानसून की दस्तक के साथ शिमला में तेज बारिशों के बाद पर्यटन कारोबार बिल्कुल मंदा पड़ गया है।
टूरिज्म स्टेक इंडस्ट्री होल्डर्स के महासचिव प्रिंस कुकरेजा का कहना है कि इस सप्ताहांत पर पर्यटकों की संख्या थोड़ी बड़ी है। हालांकि होटलों में ऑक्यूपेंसी अभी मात्र 20 प्रतिशत ही है।
शिमला में पर्यटकों की संख्या भी न के बराबर
इससे पहले सप्ताहांत के अन्य दिनों में शिमला में पर्यटकों की संख्या बिल्कुल न के बराबर थी। उनका कहना है कि मानसून की शुरूआत के साथ शिमला में एक दो जगह पर भूस्खलन की घटनाओं का पर्यटन कारोबार पर काफी असर पड़ा। लोगों के मन में इससे डर बैठ गया था। इस सप्ताहांत पर कुछ सैलानियों ने शिमला का रूख किया है। इसका आने वाले दिनों में भी शिमला को लाभ मिलेगा।
इंटरनेट मीडिया पर सुहावने मौसम की बनाई जाएंगी रील्स
इंटरनेट मीडिया पर शिमला के सुहावने मौसम की रील्स, वीडियो और स्टोरी जाएगी, तो लोग शिमला का रुख करना शुरू कर देंगे। वहीं टैक्सी चालकों की बात करे तो टैक्सी का कारोबार भी पर्यटक की आमद घटने से कम हो गया है। ऑल हिमाचल कमर्शियल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि बरसात आते ही शिमला में पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है
इसके कारण टैक्सी का काम पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि टैक्सी का कारोबार करीब 90 प्रतिशत घाटे में चल रहा है। सप्ताहांत पर सिर्फ 10 प्रतिशत के करीब ही टैक्सी का काम है। इसके कारण टैक्सी चालकों व मालिकों की मुश्किले फिर से बढ़ गई है।
गर्मियों ने बचाया, बरसात में पिटने की उम्मीद
आल हिमाचल कमर्श्यिल व्हीकल ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष के अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर का कहना है कि गर्मियों में शिमला में पर्यटन कारोबारा पीक पर था। पिछले चार सालों में इस वर्ष गर्मियों के दिनों में सबसे ज्यादा पर्यटक शिमला आए, लेकिन अब बरसात के आने से पर्यटन कारोबार को फिर से झटका लगा है।
उनका कहना है कि जुलाई और अगस्त के महीने में शिमला में पर्यटन कारोबार मंदा रही रहने की उम्मीद है। इसका कारण यह है कि जुलाई और अगस्त महीने में बरसात का सीजन पीक पर होगा। पिछले वर्ष भी इस दौरान शिमला व प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ था। ऐसे में लोगों के मन से अभी भी डर बैठा हुआ है।
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