Anxiety एक ऐसी समस्या है जिससे इन दिनों कई लोग परेशान है। यह समस्या अक्सर किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। तेजी से बदलती जीवनशैली और काम के बढ़ते बोझ जैसे कई कारणों की वजह से लोग इसका शिकार हो जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इसकी पहचान कर इसे मैनेज किया जाए। व्यक्ति में ये 3 बदलाव एंग्जायटी की ओर इशारा करते हैं।
एंग्जायटी (Anxiety) एक ऐसी मानसिक समस्या (Mental Health) है, जिससे इन दिनों कई लोग प्रभावित है। यह दुनियाभर में मेंटल हेल्थ से जुड़ी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति को हर समय असहजता और चिंता की भावना घेरे रहती है। यह पूरी दिनचर्या प्रभावित करने के साथ ही सेहत के साथ भी खिलवाड़ करती है। बदलती लाइफस्टाइल और बिजी शेड्यूल के कारण एंग्जायटी एक बहुत ही आम समस्या बनती जा रही है।
एंग्जायटी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें वर्कप्लेस पर दबाव, घर की जिम्मेदारियां, परीक्षा का बोझ, रिश्तों में उम्मीदें और पैसों की तंगी आदि शामिल हैं। किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थिति जिसके लिए इंसान मानसिक रूप से तैयार नहीं होता है, उससे एंग्जायटी हो सकती है। इसके संकेत भी भिन्न-भिन्न होते हैं, लेकिन मुख्य तौर पर इसके 3 लक्षण ऐसे होते हैं, जिसकी पहचान पर एंग्जायटी को समय रहते मैनेज किया जा सकता है। आइए जानते हैं एंग्जायटी का संकेत देते 3 बदलाओं के बारे में-
सांस लेने में परेशानी या तेजी से सांस लेना, पाचन क्रिया प्रभावित, उल्टी-मितली, अपच, कब्ज, एसिडिटी, सुनने और देखने में भी दिक्कत हो सकती है। आंखों के सामने अंधेरा सा छा जाना या तेज धड़कनों की आवाज सुनाई देना, ये सभी ऐसे शारीरिक बदलाव हैं, जो एंग्जायटी होने पर महसूस हो सकते हैं।
मानसिक बदलाव
भविष्य की चिंता होने के साथ ही भूतकाल में हुई घटनाओं के बारे में सोचकर खुद को हर समय प्रभावित करना या हर समय कुछ न कुछ काम करने की चिंता की वजह से परेशान होना, कुछ करने से थकान महसूस होना, किसी से मिलने में संकोच और घबराहट महसूस करना और अकेले रहने पर अपने अकेलेपन से दुखी रहना एंग्जायटी का लक्षण हो सकता है। हर परिस्थिति में बिल्कुल शांत रहना, लेकिन अंदर से दिल खोल कर चिल्लाने का मन होना और ऐसे ही एकसाथ दो बिल्कुल विपरीत विचारों का दिमाग को खोखला करना डिप्रेशन और एंग्जायटी का संकेत हो सकता है।
भावनात्मक बदलाव
किसी को न करने में संकोच करना और फिर परेशान होना, दूसरों की पसंद के मुताबिक काम करना, जिससे सभी आपको पसंद करें और अपनी भावनाओं को सबसे पीछे रखते हैं, लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे इसे लेकर परेशान रहना। कोई आपको दुखी करता है, तो आप जवाब देने में असमर्थ होते हैं और फिर घंटों सोचते हैं कि जवाब में क्या कहा जा सकता था। किसी को भी अपनी बाउंड्री के अंदर आ कर आपको इज्जत न देने की इजाजत देना, जैसे भावनात्मक बदलाव भी एंग्जायटी की तरफ इशारा करते हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।News source
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