प्यारी बहना सुख सम्मान निधि पर लगा ब्रेक, महिलाओं की नहीं मिल रहे 1500 रुपए; जानें कहां अटके आवेदन
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में सुख्खु सरकार की महत्वाकांक्षी इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना पर फिलहाल रोक लग गई है। महिलाएं फार्म तो जमा करवा रही हैं, लेकिन अब उनके खातों में पैसे आने की प्रक्रिया रोक दी गई है। सरकार ने इसके लिए बजट जारी नहीं किया है। इससे पहले 23 करोड़ रुपये जारी किए गए थे, जो महिलाओं के खातों में पहुंच गए हैं।
उधर, आवेदनों की जांच के लिए स्टाफ न होने से 1500 रुपये जारी करने की प्रक्रिया भी रोक दी गई है। जानकारी के अनुसार महिलाएं जहां शिमला आवेदन करने पहुंच रही हैं, वहीं किन्नौर जिले में जिला कल्याण अधिकारी का कार्यभार तहसील कल्याण अधिकारी के पास है और स्टाफ की भी भारी कमी है। किन्नौर जिले के मुरंग, सांगला, पूह, भावानगर और कल्पा उपमंडलों में पांच तहसील कार्यालयों में तहसील कल्याण अधिकारी नहीं हैं
यहां आउटसोर्स कर्मचारियों के सहारे काम चल रहा है। इसके चलते इस महत्वाकांक्षी योजना को जमीनी स्तर पर लागू करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। किन्नौर में अब तक 750 महिलाओं ने योजना के तहत आवेदन किया है, जिसमें से 309 महिलाओं को 1500 रुपए मिल चुके हैं।
तहसील कल्याण अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि डाटा एंट्री ऑपरेटर समेत कई अन्य पद खाली हैं और उन्होंने मंत्री से भी बात की है। उधर, मंडी जिले में सरकार ने योजना के तहत कुल 2 करोड़ 70 लाख रुपए जारी किए थे। ऊना में करीब 7 हजार महिलाओं को यह राशि मिल चुकी है। लाहौल स्पीति में जिले की सभी महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।
अब तक कितनी महिलाओं को मिले
हिमाचल प्रदेश सरकार ने बीते माह आंकड़ा जारी किया था और बताया कि करीब 50 हजार महिलाओं को अब तक योजना का लाभ मिल चुका है. महिलाओं को तीन माह की 4500 रुपये किश्त एकमुश्त दी गई है. ये वो लाभार्थी जो, लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले आवेदन कर चुके थे. बाद में 6 जून को योजना के लिए फिर से प्रक्रिया शुरू हुई थी. योजना के तहत सभी जिलों में कुछ महिलाओं को लाभ मिला है. बता दें कि इस योजना के तहत 5 लाख से अधिक महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह मिलेंगे. अब तक सरकार के पास करीब 5 लाख आवेदन भी जमा हो चुके हैं. लेकिन सरकार की तरफ से दोबारा बजट जारी नहीं किया गया है.
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