संजौली में कभी भी गिर सकता है यह चार मंजिला मकान, नगर निगम ने 9 परिवार किए मिऍट.

 संजौली में कभी भी गिर सकता है यह चारमंजिला मकान, नगर निगम ने 9 परिवार किए shift

संजौली (Sanjauli) के चलौंठी क्षेत्र में भूस्खलन से चार मंजिला भवन को खतरा पैदा हो गया है.


नगर निगम ने इस भवन में रहने वाले नौ परिवारों को शिफ्ट करवा दिया है. भूस्खलन से भवन परिसर में दरारें आ गई हैं, जियालाल हाउस नाम से बना यह भवन कांता ठाकुर का है और भवन मालिक के अलावा इस भवन में आठ किरायेदार भी रह रहे थे.

बारिश के बाद भवन की नींव के पास भूस्खलन हो गया, जिससे इसे खतरा पैदा हो गया. सूचना मिलते ही नगर निगम और जिला प्रशासन की टीमें पुलिस समेत मौके पर पहुंचीं और भवन परिसर में दरारें देखने के बाद इसे तुरंत खाली करने के आदेश दिए गए.

नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि संजौली के चलौंठी चार मंजिला भवन के साथ लैंड स्लाइड हुआ था और इसके चलते इस भवन को भी खतरा पैदा हो गया था. अब इस भवन को असुरक्षित घोषित कर दिया है और इस भवन में रह रहे लोगों को वहां से शिफ्ट किया गया है. उन्होंने कहा कि बरसात से निपटने को लेकर नगर निगम तैयार है और खासकर नालों की सफाई पहले ही करवा दी गई है. इसके अलावा जो खतरनाक पेड़ हैं उनको भी निरीक्षण किया जा रहा है और उन्हें काट दिया जाएगा.

उधर, मॉनसून को लेकर शिमला नगर निगम ने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. नगर निगम की उप महापौर उमा कौशल ने कहा कि मानसून को लेकर नगर निगम ने पूरी तैयारियां कर ली हैं और तीन माह के लिए अतिरिक्त 50 श्रमिकों को भी रखा गया है.ये सभी श्रमिक प्रत्येक वार्ड में नाले और नालियों की सफाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम ने डम्पिंग साइट भी चिन्हित की हैं.

संजौली में, जो कि चालौंठी क्षेत्र में स्थित है, कांत ठाकुर द्वारा मालिकाना किए गए चार मंजिले भवन 'जियालाल हाउस' को हाल ही में भूस्खलन के बाद असुरक्षित माना गया है। भवन की नींव में दरारें पड़ गईं जिसके बाद नगर निगम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इसमें रह रहे नौ परिवारों को निकाल लिया है, उनकी सुरक्षा को मध्यस्थता में लेते हुए। यह घटना बारिश के बाद एक भूस्खलन ने हुए नुकसान की वजह से हुई, जिसने इस भवन की संरचना को खतरे में डाल दिया।

भूस्खलन और संरचनात्मक नुकसान की सूचना प्राप्त होते ही, संजौली नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारी त्वरित क्रियाशील हुए। नगर निगम के अधिकारी, पुलिस अधिकारी और सुरक्षा विशेषज्ञों से मिलकर ने मौके पर तुरंत कार्रवाई की। उनकी जांच ने बताया कि 'जियालाल हाउस' के भवन के अंदर बड़ी दरारें हैं और संरचना में अस्थिरता है, जिससे निवासियों की सुरक्षा को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की गई।

संजौली नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने घटना की गंभीरता को दर्शाते हुए इसे जाहिर किया कि भूस्खलन-प्रवृत्ति क्षेत्रों में असुरक्षित भवनों के खतरे का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने नगर निगम की पूरी तरह से तैयारी को साबित करने के साथ-साथ इस घटना के बाद अन्य असुरक्षित संरचनाओं की समीक्षा करने की योजना बनाई। चौहान ने निवासियों को आश्वासन दिया कि परिवहन उन्हें बचाने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान विपत्तियों को कम करने के लिए नगर निगम की कार्रवाई हो रही है।

उसी समय, मॉनसून की आगमन के मुद्दे पर शिमला नगर निगम ने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी। शिमला नगर निगम की उप मेयर उमा कौशल ने बताया कि नगर निगम ने मॉनसून के लिए पूरी तैयारी की है और तीन महीने के लिए अतिरिक्त 50 श्रमिकों को भी नियुक्त किया गया है। इन श्रमिकों को नगर के विभिन्न वार्डों में नालों और नालियों की सफाई करने का काम दिया गया है, जो मॉनसून के दौरान बाढ़ से संबंधित खतरों को टालने में महत्वपूर्ण है। कौशल ने और बताया कि नगर निगम ने डम्पिंग साइट्स का भी संकेत किया है और बढ़ी हुई साफ-सफाई की योजना बनाई है।






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