Anti inflammatory diet: कैंसर के खतरे को कम कर सकती है

 Anti inflammatory diet: कैंसर के खतरे को कम कर सकती है

लंबे समय तक सूजन रहने से बॉडी सेल्स को नुकसान पहुंचता है, वहीं ये कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा देता है। ऐसे में एंटी इन्फ्लेमेटरी डाइट आपकी मदद कर सकती हैं।

Yahan jaane 5 anti inflammatory cancer fighting foods ke naam.
एंटी इन्फ्लेमेटरी डाइट को कैंसर के जोखिम को कम करने से जुड़ा है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
न्फ्लेमेशन से बढ़ते कैंसर के खतरे के बारे में आपने जरूर सुना होगा। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होंगे जिन्हें इसकी जनकारी नहीं होगी। हालांकि, हम सभी के मन में यह सवाल होता है, की क्या सूजन और कैंसर के बीच असल में कोई संबंध है? जी हां! लंबे समय तक सूजन रहने से बॉडी सेल्स को नुकसान पहुंचता है, वहीं ये कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा देता है। ऐसे में एंटी इन्फ्लेमेटरी डाइट आपकी मदद कर सकती हैं। ऐसी कई एंटी इन्फ्लेमेटरी सुपरफूड्स हैं (anti inflammatory superfoods), जिनका सेवन कैंसर के जोखिम को कम कर देता है।

कैंसर के जोखिमों को कम करने के लिए मणिपाल हास्पिटल, गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा ने कुछ खास एंटी इंफ्लेमेटरी फूड्स के नाम सुझाए हैं। तो चलिए जानते हैं इन खाद्य स्रोत के बारे में।

ऐसे करें एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट की पहचान

डाइटरी इंफ्लेमेटरी इंडेक्स (DII) इस बात के सबूतों को एक साथ लाता है, कि फूड कंपोनेंट इन्फ्लेमेशन के 6 अलग-अलग बायोमार्कर को कैसे प्रभावित करते हैं। DII स्कोर में 45 अलग-अलग पोषक तत्व और अन्य कंपाउंड शामिल हैं, जिनमें प्रो- या एंटी-इंफ्लेमेटरी क्षमता होती है। उदाहरण के लिए:

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अंदरूनी ताकत प्रदान करने वाले इन खाद्य पदार्थों को आप कई प्रकार से अपनी मील में शामिल कर सकते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

पोषक तत्व, जैसे कि फोलेट (एक बी विटामिन), मैग्नीशियम, सेलेनियम और विटामिन सी को एंटी-इंफ्लेमेटरी के रूप में ग्रुप किया जाता है।
पोषक तत्व, जैसे कि सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और आयरन को प्रो-इंफ्लेमेटरी के रूप में बांटा जाता है।
फाइटोकेमिकल्स, जैसे कि बीटा-कैरोटीन और कई अलग-अलग फ्लेवोनोइड पॉलीफेनोल कंपाउंड एंटी-इंफ्लेमेटरी के रूप में जाने किए जाते हैं।
खाद्य सामग्री, जैसे कि अदरक, लहसुन, थाइम और अजवायन को एंटी-इंफ्लेमेटरी के रूप में ग्रुप किया जाता है।

किसी भी भोजन का प्रभाव उसमें मौजूद कंपोनेंट पर आधारित होता है। कोई भी एक खाद्य विकल्प किसी आहार को एंटी इन्फ्लेमेटरी नहीं बना सकता। इसलिए एंटी इन्फ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ की मात्रा और प्रकार का ध्यान रखना जरूरी है। ये ता ही काम करते हैं, जब आप अपनी डाइट में प्रयाप्त रूप से इन्हें शामिल करती हैं।

क्या एक एंटी इन्फ्लेमेटरी डाइट एंटी कैंसर डाइट होती है?

AICR थर्ड एक्सपर्ट रिपोर्ट में सूजन को एक प्रमुख “सक्षम करने वाली विशेषता” के रूप में पहचाना गया है, जो सेल्स को कैंसर के लक्षण प्राप्त करने में योगदान देती है। घाव भरने और संक्रमण से उबरने के लिए आवश्यक अल्पकालिक सूजन के विपरीत, पुरानी कम-श्रेणी की सूजन कैंसर के विकास के सभी चरणों में योगदान देती है।

सूजन सेएम फ्री रेडिकल्स का उत्पादन होता है, जो डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं, संभावित रूप से कैंसर पैदा करने वाले फैक्टर्स को बढ़ावा देते हैं।

सेल्स द्वारा उत्पादित साइटोकाइन प्रोटीन द्वारा संकेत ऑन्कोजीन (जो कैंसर कोशिका वृद्धि को बढ़ाते हैं) का समर्थन करते हैं और ट्यूमर सप्रेसर जीन को उत्तेजित करते हैं। शोध के आधार पर सूजन कैंसर मेटास्टेसिस और उपचार के प्रतिरोध में भी शामिल हो सकती है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार एंटी इन्फ्लेमेटरी डाइट का प्रोस्टेट, फेफड़े, स्तन, ओवेरियन और कई अन्य कैंसर के जोखिम के साथ संभावित संबंध है। अब तक, इन कैंसरों से जुड़े अध्ययनों की संख्या सीमित है, पर कई ऐसे अध्ययन भी है, जिन्होंने एंटी इन्फ्लेमेटरी डाइट को कैंसर के जोखिम को कम करने से जोड़ा है।

यहां जानें कुछ खास एंटी इंफ्लेमेटरी फूड्स के बारे में

1. बेरीज (berries)

फल प्रकृति की मिठाई है, जबकि शुगर अधिक मात्रा में सूजन पैदा कर सकती है। ऐसे में कैंसर के उपचार के दौरान इसे सीमित किया जाना चाहिए, वहीं फल सूजनरोधी यानी की एंटी इन्फ्लेमेटरी होते हैं। फलों का सेवन शरीर को प्राकृतिक मिठास प्रदान करता है, जिससे ऊर्जा शक्ति लंबे समय तक बनी रहती है। आपको प्रोसेस्ड शुगर उत्पाद की तरह शुगर क्रैश नहीं होता है, क्योंकि फलों में फाइबर होता है, जो मेटाबॉलिक प्रक्रिया को धीमा कर देता है और ब्लड शुगर को स्थिर करता है।

Blueberry smoothie recipe
ब्लूबेरी के द्वारा शरीर को एंथोसायनिन मिलता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी और रास्पबेरी में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जिन्हें एंटी इन्फ्लेमेटरी डाइट के रूप में जाना जाता है। कैंसर के जोखिम को कम करने और इसके रिकवरी को बढ़ावा देने के लिए इन्हें अपनी नियमित डाइट में शामिल करें।

2. फलियां (legumes)

फलियां मेडिटरेनियन डायट का एक मुख्य हिस्सा हैं। फलियां सब्जियों की एक श्रेणी है, जिसमें बीन्स, मटर और दालें शामिल हैं। फलियां किसी भी भोजन की तुलना में सबसे अधिक मात्रा में फाइबर प्रदान करती हैं और प्लांट बेस्ड प्रोटीन का भी एक उत्कृष्ट स्रोत हैं।

इसमें मौजूद फाइबर शरीर में हुए सूजन को कम करता है, इसके अलावा इसके सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होती है। फाइबर युक्त आहार स्तन कैंसर सहित कुछ कैंसर से बचाने में सहायक करते हैं।

3. जड़ी-बूटियां और मसाले (herbs and spices)

अक्सर पोषण के स्रोत के रूप में अनदेखा किए जाने वाली, जड़ी बूटियां और मसाले एंटी इन्फ्लेमेटरी होते हैं। सब्जियां और फल खाने के अलावा, “सूजन को कम करने के लिए हल्दी, लहसुन, अदरक और दालचीनी जैसी जड़ी-बूटियों और मसालों को अपनी नियमित डाइट रूटीन में शामिल करना भी महत्वपूर्ण है।

dark chocolate ke fayade
डार्क चॉकलेट और कोको पाउडर में फ्लेवोनोइड्स, कैफीन और एंटीऑक्सीडेंट होता है। चित्र : शटरस्टॉक

4. डार्क चॉकलेट (dark chocolate)

डार्क चॉकलेट में पॉलीफेनोल, फ्लेवोनोइड और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। 2022 की एक रिव्यू के अनुसार यह कैंसर के खिलाफ़ निवारक रूप से कार्य करता है।

2022 की एक अन्य रिव्यू और मेटा-विश्लेषण में शोध में पाया गया कि जो लोग ज़्यादा चॉकलेट खाते हैं, उनमें कैंसर से मृत्यु का जोखिम 12% कम होता है।

5.गाजर (carrot)

गाजर में विटामिन K, विटामिन A और एंटीऑक्सीडेंट सहित कई ज़रूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। वहीं गाजर में बीटा-कैरोटीन की भी उच्च मात्रा मौजूद होती है, जो गाजर को नारंगी रंग प्रदान करता है।

डेनिश कोहोर्ट स्टडी से शोध ने 55,756 पार्टिसिपेंट में कुछ कैंसर के विकास पर गाजर के सेवन की जांच की। परिणाम की बात करें तो कच्चे गाजर का सेवन कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को 17% तक कम कर सकता है। इसके अलावा कच्ची गाजर इनमें भी काम सक सकती है:

फेफड़ों का कैंसर
पेनक्रिएटिक कैंसर
ल्यूकेमिया

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