सबसे ज्यादा तनाव में रहते हैं स्टूडेंट्स, रिलैक्सेशन के लिए करें ये व्यायाम

 सबसे ज्यादा तनाव में रहते हैं स्टूडेंट्स, रिलैक्सेशन के लिए करें ये व्यायाम

स्टूडेंट तरह तरह की परीक्षा और करियर बनाने को लेकर काफी तनाव में रहते हैं। इसके कारण उनकी मेंटल और फिजिकल दोनों तरह के स्वास्थ्य प्रभावित हो जाते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि ओवरऑल वेल बीइंग होने के लिए स्टूडेंटको नियमित फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज करनी चाहिए
Self care hai jaroori.
सेल्फ केयर से हमारा मन शांत होता है और सफलता नहीं मिलने पर मन विचलित नहीं होता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
व्यक्ति जिस तरह के वातावरण और स्थिति में रहता है लाइफ सेटिस्फैक्शन उसी पर निर्भर करती है। इन दिनों स्टूडेंट परीक्षा और करियर बनाने को लेकर काफी तनाव में रहते हैं। उन्हें हर समय करियर बनाने की चिंता रहती है। अकादमिक माहौल ऐसा बन गया है कि विद्यार्थी साल भर किसी न किसी परीक्षा के कारण तनाव में रहते हैं। पहले बोर्ड एग्जाम, फिर उसके बाद तमाम तरह की प्रवेश परीक्षाओं का तनाव। जिससे उनकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ प्रभावित होती है। पर अगर वे थोड़ा समय शीरीरिक व्यायाम के लिए निकालें (exercise importance for student) तो इस तनाव से बेहतर तरीके से डील किया जा सकता है।

पढ़ाई का दबाव कम कर रहा है शारीरिक गतविधियां (Physical activities for student) 

मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के निदेशक (स्कूल ऑफ़ एलाइड हेल्थ) डॉ. संजीव गुप्ता (Physiotherapist & Musculoskeletal Rehabilitation Specialist) बताते हैं,’ स्कूल की भारी ज़िम्मेदारियों और पढ़ाई के कारण शारीरिक गतिविधियों की कमी हो जाती है।

पढ़ाई के बोझ के साथ-साथ सोशल मीडिया पर अधिक उपस्थिति, वर्चुअल वर्ल्ड से अधिक जुड़ा महसूस करने से भी फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों प्रभावित हो जाती है। स्टूडेंट न सिर्फ समाज से कट जाते हैं, बल्कि व्यायाम की भी उपेक्षा करने लग जाते हैं।‘

क्यों जरूरी है फिज़िकल फिटनेस (Physical fitness for students)

डॉ. संजीव गुप्ता बताते हैं, ‘स्टूडेंट के लिए सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना केवल शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए ही नहीं है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। शारीरिक गतिविधि केवल एपीयरेंस के लिए ही नहीं है, बल्कि यह मेंटल एक्विटी बनाए रखने में भी मदद करती है। यह तनाव कम करती है और रोजमर्रा की भागदौड़ से आवश्यक आराम भी दिलाती है।

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स्टूडेंट के लिए सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना केवल शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए ही नहीं है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। चित्र : अडोबी स्टॉक

विद्यार्थियों को एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी को अपने व्यस्त एजेंडे में शामिल करना चाहिए। इससे जीवन शक्ति और एकाग्रता का संचार होगा। वे जीवंत महसूस करेंगे। यह सफलता पाने का भी जरिया बन सकता है। जिस तरह बगीचे की देखभाल करने से फलते-फूलते पौधे पैदा होते हैं। उसी तरह शारीरिक गतिविधि के साथ खुद की देखभाल करने से हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बढ़ता है।‘

सेल्फ केयर को प्राथमिकता (self care)

अपने व्यस्त कार्यक्रम को संतुलित बनाएं। यह कोई विलासिता नहीं होगी, बल्कि जरूरी है। आत्म-देखभाल को प्राथमिकता देना स्वार्थी होना नहीं है। इससे हमारा मन शांत होता है और सफलता नहीं मिलने पर मन विचलित नहीं होता है। शरीर और मन को शांत करने वाले व्यायाम को अपने दैनिक कार्यक्रम में नियमित रूप से शामिल करना चाहिए।

किस तरह की एक्सरसाइज करनी चाहिए (exercise benefits for students)

एक्सरसाइज मध्यम तीव्रता वाला हो सकता है, जैसे- वॉकिंग, लंबी पैदल यात्रा या बाइक चलाना। यह अधिक ज़ोरदार एक्टिविटी वाला भी हो सकता है। जैसे दौड़ना, तेज़ गति से स्वीमिंग, एरोबिक्स या रस्सी कूदना आदि। कोई भी गतिविधि जो आपकी हृदय गति को बढ़ाती है, तेजी से सांस लेने में मदद करती है।

Yaha jaane exercise ke dauran ki jaane wali 5 mistakes.
एक्सरसाइज अधिक ज़ोरदार एक्टिविटी वाला भी हो सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

यह आपको गर्माहट का एहसास कराती है। स्टूडेंट हर दिन लगभग एक घंटे के लिए घर पर भी शारीरिक गतिविधि निर्धारित कर सकते हैं। वर्कआउट में बैडमिंटन, फुटबॉल जैसे आउटडोर गेम भी शामिल हो सकते हैं। खेल हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत (exercise importance for student) बनाएंगे। साथ ही समन्वय और एकाग्रता में सुधार करने में भी मदद करेंगे।

पने तनाव की पहचान करें (know stress triggers)

तनाव ट्रिगर्स को जानने से आप उनके बारे में बातचीत करने से बच सकती हैं या उन्हें कम कर सकती हैं। ऐसे व्यक्ति से उस विषय पर बातचीत नहीं कर सकती हैं, जिनसे आपको तनाव हो जाता है। ऐसी घटनाओं, लोगों या स्थितियों पर ध्यान देने की कोशिश करें, जो लगातार तनाव को ट्रिगर करती हैं। जहां तक संभव हो, इनसे बचने का लक्ष्य रखें।

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तनाव ट्रिगर्स को जानने से आप उनके बारे में बातचीत करने से बच सकती हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

3. जर्नलिंग की आदत डालें (Journaling habit)

जर्नलिंग एक बेहतरीन इमोशनल डिकंप्रेसर साबित हुई है। मन में आये विचारों को लिखने पर तनाव से राहत मिलती है। जर्नलिंग की आदत बनाने में कुछ समय लग सकता है। नियमित रूप से ऐसा करने पर और अधिक फायदा मिलेगा। परिणाम स्वाभाविक रूप से आपको मानसिक थकावट से उबरने का तरीका सिखा देंगे।

4 . पर्याप्त व्यायाम करें (exercise for burnout)

काम करते हुए भी बर्नआउट से उबरा जा सकता है। नियमित व्यायाम दिनचर्या को लागू करने का प्रयास करें। अपने शरीर को हिलाने से तनाव कम होगा। एंडोर्फिन जैसे फील-गुड हार्मोन का उत्पादन होगा। ऑनलाइन योग जैसे वर्चुअल वर्कआउट घर से बाहर निकले बिना भी तनाव से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
ध्यान यह देना है कि एक्सरसाइज से शरीर भी रिलैक्स हो। हर कोई तनाव को अलग-अलग तरीके से संभालता है। तनाव प्रबंधन तकनीक जैसे कि माइंडफुल ब्रीदिंग, कार्डियो तभी मदद कर सकते हैं जब आप उन्हें आजमाएंगी

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