हमीरपुर-ऊना रेल लाइन को कागजों में बनाए रखने के लिए लगातार तीसरे साल से मात्र 1,000 रुपये ही मिल रहे हैं। लेकिन इस बार इस योजना को बजट मिल सकता है। वहीं सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन योजना को भी बजट मिल सकता है
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट से प्रदेश में चल रही और प्रस्तावित रेल योजनाओं को काफी उम्मीदें हैं। सांसद अनुराग ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट ऊना-हमीरपुर रेल लाइन को बजट में तरजीह मिल सकती है। ऊना से हमीरपुर तक नई रेल लाइन की लंबाई 41 किलोमीटर होगी। इस रेल लाइन की 3,361 करोड़ की डीपीआर तैयार कर ली है। डीपीआर के सरकार के विचाराधीन है। हमीरपुर-ऊना रेल लाइन को कागजों में बनाए रखने के लिए लगातार तीसरे साल से मात्र 1,000 रुपये ही मिल रहे हैं। लेकिन इस बार इस योजना को बजट मिल सकता है। वहीं सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन योजना को भी बजट मिल सकता है।
यह योजना भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के क्षेत्र से संबंधित है। परियोजना की डीपीआर तैयार है। इस पर करीब एक लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस रेल लाइन का निर्माण चार खंड होगा। पहला खंड बैरी से मंडी, दूसरा मंडी से मनाली, तीसरा मनाली से उपशी और चौथा उपशी से लेह तक का होगा। फिलहाल मंडी या मनाली तक के निर्माण को बजट मिल सकता है।
कई साल से सर्वे के फेर में फंसी हरियाणा के जगाधरी से पांवटा साहिब रेल लाइन के लिए भी इस बार बजट मिल सकता है। इस रेलवे लाइन के बनने से हरियाणा और हिमाचल के दो बड़े औद्योगिक शहर आपस में सीधे जुड़ जाएंगे। साल 1962 में पहली बार जगाधरी-पांवटा रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण किया था। 1972 में दोबारा से सर्वेक्षण किया गया। 2014 में जगाधरी-पांवटा साहिब 50 किलोमीटर लंबी रेललाइन के लिए सर्वेक्षण करवाया गया, लेकिन यह भी सिरे नहीं चढ़ा। 2021 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पांवटा साहिब-जगाधरी रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण करवाने के निर्देश दिए। वह सिरे नहीं चढ़े। इसके अलावा शिमला-कालका के बीच स्टेशनों को आधुनिक बनाने के लिए, पठानकोट-मंडी रेलवे लाइन के लिए, पठानकोट से जोगिंदर नगर रेलवे लाइन के अपग्रेडेशन और चंबा को जोड़ने के लिए पठानकोट से अलग रेल परियोजना को बजट मिलने की उम्मीद है।
तीन रेल लाइन को मिले चुके 2500 करोड़
1 फरवरी को पेश हुए अंतरिम बजट में भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी को 1700 करोड़, नंगल डैम-तलवाड़ा को 500 करोड़, चंडीगढ़-बद्दी को 300 करोड़ मिला है। कालका-शिमला और पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेल लाइन के लिए अलग से 24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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