बागबानों से ठगी रोकने को 25 से 30 लाख रुपए अपने पास रखेगा एपीएमसी, नए व्यापारियों के लिए अढ़ाई लाख रुपए सिक्योरिटी
बागबानों से ठगी को रोकने के लिए इस बार एपीएमसी अपने स्तर पर काम कर रहा है। हर साल बागबानों को लाखों रुपए की ठगी हो जाती है, लेकिन किसी को पकड़ा नहीं जाता। मामला पुलिस के पास रहता है, परंतु फिर भी कुछ हाथ नहीं आता। ऐसे में यहां आढ़तियों पर पहले से सख्ती करने की सोची गई है और इसी सख्ती को लेकर सरकार ने एपीएमसी के माध्यम से इन आढ़तियों से ज्यादा से ज्यादा सिक्योरिटी राशि रखने का प्रावधान किया है। जितना बड़ा कारोबारी उतनी ही ज्यादा धरोहर राशि उसको लगाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार सरकार के निर्देशों पर एपीएमसी शिमला- किन्नौर जिसके माध्यम से सेब का कारोबार सबसे ज्यादा होता है ने बड़े आढ़तियों जो करोड़ों रुपए का कारोबार करते हैं से धरोहर राशि के रूप में 25 से 30 लाख रुपए की राशि रखने का प्रावधान किया है। इन बड़े कारोबारियों को इतनी राशि पहले से एपीएमसी के पास जमा करवाकर रखनी होगी , ताकि बाद में किसी भी तरह की दिक्कत हो तो बागबानों को उसमें से कुछ हद तक पैसा चुकाया जा सके। इसी तरह से यह निर्णय लिया गया है कि जो नए व्यापारी यानी आढ़ती यहां पर अपना पंजीकरण करवाएंगे उनको अढ़ाई लाख रुपए सिक्योरिटी राशि पहले जमा करवानी होगी। वहीं जो सालों से यहां पर कारोबार कर रहे हैं और उनका व्यापार मध्य क्रम का रहता है उन पर पांच लाख रुपए की धरोहर राशि तय की गई है, जो पहले ही एपीएमसी को चुकता करनी होगी।
15 दिन में करवाएं पंजीकरण
शिमला और किन्नौर में एपीएमसी के बाद वैसे 262 आढ़ती पहले से पंजीकृत है और अगले 15 दिन में सभी को पंजीकरण करवाने को कहा गया है। इसमें देखना होगा कि कितने आढ़ती नए आते हैं। एपीएमसी के पास उनका आंकड़ा भी है, जो यहां पर करोड़ों रुपए का व्यापार करते हैं। उनके पिछले कारोबार को ध्यान में रखते हुए उनसे 25 से 30 लाख रुपए की राशि पहले ही जमा कर ली जाएगी।
आढ़तियों के बनाए जाएंगे आई कार्ड
प्रदेश में सेब बागबानों से ठगी के मामले कम नहीं है। सरकार ने पिछले साल विशेष जांच दल भी बनाया था जिसने कई क्षेत्रों में जाकर दूसरे राज्यों में दबिश दी मगर सभी मामलों को सुलझा नहीं पाए। इस बार आढ़तियों के विशेष रूप से आई कॉर्ड भी बनवाए जा रहे हैं, ताकि बागबान उन्हीं से व्यापार करें जो एपीएमसी के पास पंजीकृत हैं। अगर इनके अलावा किसी अन्य आढ़ती से बागबान व्यापार करते हैं, तो वो उनकी सिरदर्दी होगी। सरकार और एपीएमसी यह प्रयत्न कर रहे हैं कि इस बार के सेब सीजन में बागबान ठगी का शिकार न हों।
पंजीकृत आढ़ती, तो ही करें कारोबार
बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस दिशा में पहले से पुख्ता प्रबंध करने को कहा है। उन्होंने पुराने पैट्रन को बदलने की कोशिश की है। उनका कहना है कि पहले से ज्यादा धरोहर राशि रखकर शिकंजा कसा जाएगा और बागबानों को भी चाहिए कि वह पंजीकृत आढ़तियों के साथ ही कारोबार करें।
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