Hamirpur (Himachal) News: रसीले आमों से भर रहे जिंदगी में रंग

 35 कनाल भूमि पर आम का बगीचा तैयार कर दिखाई स्वरोजगार की राह

निजी कंपनी में नौकरी छोड़ने के बाद घर पर शुरू किया व्यवसाय

आम बेचकर मदन लाल को पांच से छह लाख की आमदन होने की उम्मीद

भोटा से जाहू वाया लदरौर सड़क के किनारे हर रोज एक क्विंटल आम बेचकर कर रहे कमाई

जाहू (हमीरपुर)। मेहनतकश लोग अपनी मेहनत के दम पर बेरोजगारी के रोड़े को रास्ते से हटाकर दूसरों के लिए भी स्वरोजगार का मार्ग प्रशस्त करते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है उपमंडल भोरंज की भौंखर पंचायत के टीहरा गांव निवासी 49 वर्षीय मदनलाल ने। मदनलाल ने प्राइवेट नौकरी छोड़कर घर पर फलदार पौधों का व्यवसाय शुरू किया। 35 कनाल भूमि पर खेतीबाड़ी से हटकर मदन लाल ने आम के पौधे रोपे और 150 पौधों को बगीचा तैयार किया। इसमें सफेदा, दशहरी और अचारी आम के पौधे लगाए हुए हैं। अब पौधे फल देने लगे हैं। इन्हें बेचकर मदनलाल पांच से छह लाख की कमाई कर रहे हैं। इसके साथ गांव के युवाओं को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं। इससे पूर्व वह झारखंड के जमशेदपुर की मशहूर कंपनी में जीएम एचआर की नौकरी करते थे। इसे छोड़ने के बाद बागवानी की ओर रुझान बढ़ा है।

अब बिना रसायन का इस्तेमाल किए पके लोकल आमों को खरीदने के लिए हर कोई तैयार हो रहा है। मदन लाल भोटा से जाहू वाया लदरौर मार्ग पर टिहरा रेन शेल्टर के पास करेटों में रखकर पिछले चार दिन से हर रोज एक-एक क्विंटल आम 35 से 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच रहे हैं। हालांकि, दुकानों में इस आम की कीमत 80 से 100 रुपये प्रति किलो है। मदन लाल लोगों के मीठे आम खिलाकर खुशी-खुशी 4 से 5 घंटे में एक क्विंटल आम बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि खेतीबाड़ी करना घाटे का सौदा बन गया है। लेकिन, बागवानी काफी लाभकारी है। इस बार बगीचे में करीब 20 क्विंटल आम लगे हैं। इससे करीब पांच से छह लाख की आमदनी होने की उम्मीद है। अचार के आम तो घर से ही बिक गए हैं। इसके अलावा कटहल, नींबू और अन्य पौधे भी लगाए हैं। बढ़ती मांग को देखकर खाली पड़ी भूमि पर 101 गड्ढे और कर दिए हैं। इसमें बरसात में आम के पौधे लगाए जाएंगे। उधर, भौंखर पंचायत के उपप्रधान नवीन गौतम ने कहा कि मदन लाल बेरोजगार युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं और बागवानी से अच्छी आय कमा रहे हैं।

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