Himachal News: हिमाचल में 3,443 गांव बनेंगे ओडीएफ प्लस मॉडल, 604 गांवों का हो चुका है पंजीकरण

 हिमाचल प्रदेश में 3,443 गांव ओडीएफ प्लस मॉडल बनाए जाएंगे। इसमें 517 गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल की कैटेगरी में शामिल करके सत्यापित करने का कार्य भी कर लिया गया है


स्वच्छ भारत मिशन के तहत हिमाचल प्रदेश में 3,443 गांव ओडीएफ प्लस मॉडल बनाए जाएंगे। लाहौल-स्पीति जिले को इसमें शामिल नहीं किया गया है। इस दिशा में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने खाका तैयार कर लिया है। वर्तमान में 604 गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित करने की दिशा में दस्तावेजों में पंजीकरण कर लिया गया है। इसमें 517 गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल की कैटेगरी में शामिल करके सत्यापित करने का कार्य भी कर लिया गया है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 17,643 गांव हैं, जिनमें से ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने बिलासपुर में 480, चंबा में 516, हमीरपुर में 582, कांगड़ा में 293, किन्नौर में 25, कुल्लू में 58, मंडी में 242, शिमला में 233, सिरमौर में 120, सोलन में 672 और ऊना में 177 सहित कुल 3,445 गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया है और इस दिशा में तमाम तरह की औपचारिकताओं को दिसंबर 2024 तक अमलीजामा पहना दिया जाएगा।

वर्तमान में चंबा में 24, हमीरपुर में 141, कांगड़ा में 26, मंडी में 238, सिरमौर में 107, सोलन में 68 गांवों का अब तक सत्यापन का कार्य करने के लिए एंट्री हो गई है। इनमें से ओडीएफ प्लस मॉडल गांव घोषित करने के लिए अभी तक हमीरपुर से 135, कांगड़ा से 21, मंडी से 223, सिरमौर से 70, सोलन से 68 गांवों का सत्यापन करके विभाग ने रिपोर्ट आगामी कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दी है।बात करें तो हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर में 953, चंबा में 1,111, हमीरपुर में 1,677, कांगड़ा में 3,590, किन्नौर में 210, कुल्लू में 311, लाहौल-स्पीति में 268, मंडी में 3,003, शिमला में 2,531, सिरमौर में 959, सोलन में 2,276 और ऊना में 754 सहित कुल 17,643 गांव हैं।

वहीं, डीआरडीए ऊना के उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी शेफाली शर्मा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में 17,643 गांवों में से 3,443 को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया जाना हैं। इनमें से 604 की एंट्री हो चुकी है और इनमें से 517 गांवों का सत्यापन भी कर लिया गया है। इस प्रक्रिया को दिसंबर 2024 तक अमलीजामा पहना दिया जाएगा और उक्त 3,443 गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित कर दिया जाएगा। लाहौल-स्पीति जिले में 268 गांव हैं। जहां पर कोई भी गांव ओडीएफ प्लस मॉडल की श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा बिलासपुर, किन्नौर, कुल्लू, शिमला और ऊना से ओडीएफ प्लस मॉडल बनाने की दिशा में अभी तक कार्य शुरू नहीं हुआ है, जबकि हमीरपुर, कांगडा, मंडी, सिरमौर और सोलन के गांवों का सत्यापन का कार्य करने के लिए रिपोर्ट फाइनल भी कर ली गई है।

क्या है ओडीएफ प्लस मॉडल

स्वच्छ भारत मिशन ऊना के जिला समन्वयक सुरेश कुमार वर्मा ने बताया कि जब कोई गांव ठोस और तरल कचरा प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) और पर्याप्त स्वच्छता जागरुकता सृजन कार्यों के अलावा न्यूनतम कूड़े और ठहरे हुए पानी के साथ देखने में स्वच्छ होने की स्थिति प्राप्त कर लेता है, तो इसे ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया जाता है

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