अधिकतर लोगों को टांगों में स्टिफनेस की समस्या का सामना करना पड़ता है। पैरों के दर्द को गंभीरता से न लेने के कारण ये धीरे धीरे बढ़ने लगता है। जानते हैं टांगों में बढ़ने वाली स्टिफनेस के कारण और उसे दूर करने के उपाय भी।
वे लोग जो अध्कितर समय बैठकर, लेटकर या सोकर बिताते है, उन्हें मांसपेशियों की ऐंठन का सामना करना पड़ता है। चित्र : शटरस्टॉक अचानक टांगों और पैरों में उठने वाला दर्द चिंता का कारण बनने लगता है। दरअसल, दिनभर एक ही पोश्चर में बैठने से व्यक्ति मोटापे और तनाव के अलावा पैरों में बढ़ने वाली स्टिफनेस का भी शिकार हो सकता है। अधिकतर लोग इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते हैं और दवा लेकर दर्द को शांत करने का प्रयास करते हैं। पैरों के दर्द को गंभीरता से न लेने के कारण ये धीरे धीरे बढ़ने लगता है। फिर दिन के अलावा अधिकतर लोगों को रात में भी टांगों के दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। जानते हैं टांगों में बढ़ने वाली स्टिफनेस के कारण और उसे दूर करने के उपाय भी। टांगों की मांसपेशियों में ऐंठन के कारण जानें 1. असंतुलित दिनचर्या (Sedentary lifestyle) वे लोग जो अधिकतर समय बैठकर, लेटकर या सोकर बिताते है, उन्हें मांसपेशियों की ऐंठन का सामना करना पड़ता है। खासतौर से लंबे वक्त तक बैठना टांगों में स्टिफनेस को बढ़ाता है, जिससे टांगों में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। दर्द से रात पाने के लिए दिनभर में कुछ वक्त वॉक के लिए निकालें।
2. मसल्स ओवरएगर्ज़शन (Muscles overexertion) वे लोग जो दिनभर जिम में खूब पसीना बहाते हैं और वेटलॉस के लिए बहुत अधिक परिश्रम करते हैं, उन्हें टांगों में दर्द की शिकायत रहती है। मांसपेशियों को आराम न मिलने से ऐंठन बढ़ने लगती है। एनआईएच की एक स्टडी के अनुसार लंबे वक्त तक बैठना और खड़े रहना मसल्स कैंम्प का कारण साबित होता है।
वे लोग जो दिनभर जिम में खूब पसीना बहाते हैं और वेटलॉस के लिए बहुत अधिक परिश्रम करते हैं, उन्हें टांगों में दर्द की शिकायत रहती है।चित्र : शटरस्टॉक 3. डिहाइड्रेशन का बढ़ना (Dehydration)
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार शरीर में पानी की कमी के चलते मांसपेशियों में गंभीर ऐंठन होने लगती है। दरअसल, शरीर में बढ़ने वाली इलेक्ट्रोलाइट की कमी के चलते ब्लड फ्लो प्रभावित हो जाता है। ऐसे में चलते वक्त, रात को सोते समय और व्यायाम के दौरान ऐंठन का सामना करना पड़ता है।
4. गलत पोश्चर में बैठना या खड़ा होना (Wrong sitting posture) घण्टों लगातार गलत पोश्चर में बैठने से पैरों की मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने लगता है। वे लोग जो पैरों को क्रॉस करके बैठते है, उसका प्रभाव काफ मसल्स पर पड़ने लगता है, जो दर्द की समस्या का बढ़ाता है। टेलर एंड फ्रांसिस ऑनलाइन की स्टडी के अनुसार लंबे वक्त तक खड़े होने से भी लेग स्टिफनेस बढ़ जाती है
5. स्वास्थ्य संबधी समस्याएं (Health problems) ऐसे लोग जो किसी दुर्घटना, अर्थराइटिस और मसल्स डिसऑर्डर से ग्रस्त हैं। उनमें क्रानिक मसल स्टिफनेस और टांगों में दर्द का जोखिम बढ़ जाता है। चलने फिरने और उठने बैठने में उन्हें तकलीफ का सामना करना पड़ता है।
जानें इस समस्या को दूर करने के उपाय 1. टांगों की मसाज करें काफ मसल्स पर दिन में किसी भी वक्त कुछ देर मसाज करें। इससे टांगों का दर्द कम हो जाता है। दोनां हाथों से टांगों की मसाज से दर्द कम होने लगता है। इसके अलावा वुडन रोलर्स का भी प्रयोग कर सकते हैं।
क्रोनिक पेन शब्द उस स्थिति में इस्तेमाल किया जाता है, जब दर्द बहुत लंबे समय से चला आ रहा हो। चित्र- अडोबी स्टॉक 2. एड़ी के सहारे चलें मसल्स में बढ़ने वाली स्टिफलेस को कम करने के लिए दिनभर कुछ वक्त एड़ियों पर चलते का प्रयास करें। इससे मांसपेशियों की ऐंठन कम होने लगती है और शरीर रिलैक्स हो जाता है।
3. हीटिंग पैड से मिलेगा फायदा
टांगों की मसल्स को रिलैक्स करने के लिए किसी भी फॉर्म में हीट का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। हॉट टावल, हॉट वॉटर बॉटल, वार्म शावर और हीटिंग पैड टाइट मसल को सामान्य बनाने में मदद करते हैं।
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