बिना मेहतन आसानी से कम करना है High Uric Acid, तो बस इन फूड्स को करें डाइट में शामिल

  तेजी से बदलती लाइफस्टाइल इन दिनों लोगों को कई समस्याओं का शिकार बना रही है। शरीर में High Uric Acid इन्हीं समस्याओं में से एक है जो कई तरह से हमारे लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इसके लेवल को कंट्रोल किया जाए। यूरिक एसिड कम करने के लिए आप डाइट में इन फूड्स को शामिल कर सकते हैं।

शरीर में प्यूरिन के मेटाबोलिज्म के बाद जो वेस्ट प्रोडक्ट बनता है, उसे यूरिक एसिड कहते हैं। जब शरीर में इसकी मात्रा अधिक हो जाती है या फिर शरीर से ये पर्याप्त मात्रा में बाहर नहीं निकल पाते हैं, तो ये बढ़े हुए यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में जोड़ों पर इकट्ठा होने लगते हैं, जिससे गाउट जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। प्यूरीन या तो खानपान से शरीर के अंदर जाता है या फिर शरीर ही इसे बनाता है। पूरी तरह से प्यूरीन फ्री डाइट लेना संभव नहीं हो पाता है और शरीर में वैसे भी प्यूरिन खुद से भी बनता है, तो सवाल ये उठता है कि क्या ऐसे में गाउट से बच पाना संभव है?


अगर आप भी इस सवाल का जवाब खोज रहे हैं, तो बता हैं कि इसका जवाब, हां है! गाउट से बचना बिल्कुल संभव है। हालांकि, कुछ गंभीर मामलों में दवाइयों की जरूरत तो जरूर पड़ती है, लेकिन इसमें सही न्यूट्रिशन युक्त खानपान का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। आइए जानते हैं कि किन फूड्स को खाने से यूरिक एसिड कम हो सकता है-

करी पत्ता

 ये फोलेट का बेहतरीन स्रोत होता है। कुछ शोध इस बात को साबित करते हैं कि फोलेट का सेवन करने से यूरिक एसिड की मात्रा कम होती है

अमरूद

विटामिन सी का बेहतरीन स्रोत अमरूद भी यूरिक एसिड को कम करने के लिए जाना जाता है। इसे डाइट में शामिल कर हाई यूरिक एसिड से बचा जा सकता है।


हल्दी

हल्दी भारतीय खानपान में इस्तेमाल होने वाला एक लोकप्रिय मसाला है। एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी बढ़े हुए यूरिक एसिड के लेवल से लड़ने के लिए शरीर को तैयार रहती है।

फ्लैक्स सीड्स

ओमेगा थ्री फैटी एसिड युक्त फ्लैक्स सीड्स या अलसी के बीज भी बढ़े हुए यूरिक एसिड के लेवल को कम करते हैं।


अदरक

एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर अदरक में जिंजेरोल और शोगाओल नाम के एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट पाए जाते हैं, जो यूरिक एसिड के लेवल कम करने के लिए जाने जाते हैं।


नींबू

विटामिन सी युक्त नींबू शरीर के अंदर जाने के बाद एल्कलाइन में बदल जाता है, जिससे शरीर में कैल्शियम कार्बोनेट बनने लगता है। ये कैल्शियम यूरिक एसिड से बॉन्ड बना कर इसे पानी और अन्य कंपाउंड में तोड़ता है। इससे ब्लड कम एसिडिक होता है और शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा भी कम होती है।

 Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Post a Comment

0 Comments

Close Menu