ग्राम पंचायत ब्रो,ब।ड़ी,जगातखाना, तूनन इत्यादि। में HRTC की रात की बस सेवा शुरू करने के लिए। गांव कशोली में बैठक का आयोजन
जिसमे ग्राम पंचायत ब्रो,ब।ड़ी,जगातखाना, तूनन इत्यादि लाभान्वित होंगे जो हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। हालांकि, परिवहन की सुविधाओं की कमी के कारण यहां के निवासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, विशेषकर रात के समय। इसी मुद्दे को हल करने के लिए हाल ही में गांव कशोली में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (HRTC) की रात की बस सेवा शुरू करने पर चर्चा की गई। इस बैठक में सीपीएम के नेता, गांव के सरपंच और सभी ग्रामीणों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
बैठक की पृष्ठभूमि
इन पंचायतों में कई लोगों का रोजगार शहरों में है और उन्हें प्रतिदिन शहर आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। रात के समय परिवहन की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें अक्सर परेशानी होती है। इस समस्या का समाधान करने के लिए गांव के समाजसेवी श्री गिरजा राम ने HRTC की रात की बस सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को लेकर ही गांव में बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक का आयोजन
बैठक का आयोजन गांव के प्रसिद्ध मंदिर परिसर ठैरी में किया गया। इस बैठक में सीपीएम के वरिष्ठ नेता श्री रंजीत ठाकुर, गांव के सरपंच श्रीमती सुमन कुमारी , समाजसेवी श्री गिरजा राम और गांव के सभी प्रमुख लोग उपस्थित थे। बैठक में युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने भी भाग लिया। बैठक की शुरुआत सीपीएम के वरिष्ठ नेता श्री रंजीत ठाकुर के स्वागत भाषण से हुई।
बैठक के मुख्य बिंदु
1. परिवहन की कमी से उत्पन्न समस्याएं: गांव कशोली के निवासियों ने बताया कि रात के समय परिवहन की कमी के कारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आपातकालीन स्थितियों में अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो जाता है, और कामकाजी लोग देर रात तक घर नहीं पहुंच पाते हैं। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है, क्योंकि उन्हें समय पर स्कूल पहुंचने में कठिनाई होती है। इस समस्या को हल करने के लिए रात की बस सेवा शुरू करना अनिवार्य हो गया है।
2. HRTC की बस सेवा का महत्व: श्री रंजीत ठाकुर ने और। समाजसेवी श्री गिरजा राम ने कहा कि HRTC की रात की बस सेवा शुरू होने से गांव के लोगों को राहत मिलेगी। यह सेवा न केवल आपातकालीन स्थितियों में मदद करेगी, बल्कि नियमित आवागमन को भी सुगम बनाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कदम गांव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही, यह सेवा व्यापार और अन्य आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी, जिससे गांव के निवासियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
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गांव वालों की प्रतिक्रियाएं
गांव कशोली के निवासियों ने इस पहल का स्वागत किया और अपनी खुशी व्यक्त की। गांव वालों ने कहा, "रात के समय बस सेवा शुरू होने से हमें बहुत राहत मिलेगी। हमें अब अपने बच्चों की पढ़ाई और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए चिंता नहीं करनी पड़ेगी।"
श्री पवन शर्मा, एक और निवासी, ने कहा, "यह एक बहुत ही अच्छा कदम है। इससे हम अपने कामकाज के लिए समय पर पहुंच सकेंगे और हमारी दैनिक जिंदगी आसान हो जाएगी।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह सेवा गांव के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी, जो गांव में ही रहकर काम कर सकते हैं।
अन्य गांवों के लिए प्रेरणा
HRTC की प्रतिक्रिया
HRTC के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि वे गांव के लोगों की समस्याओं को समझते हैं और उन्हें समाधान प्रदान करने के लिए 10 दिन का वक्त मांगा। HRTC ने यह भी आश्वासन दिया कि वे बस सेवा के संचालन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।
HRTC के प्रवक्ता ने कहा, "हम इस पहल को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हम गांव के निवासियों की जरूरतों को समझते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।" उन्होंने यह भी बताया कि बस सेवा के संचालन के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है और जल्द ही सेवा शुरू होने की उम्मीद
है।
बैठक से गांव के निवासियों में एक नई उम्मीद
गांव कशोली में HRTC की रात की बस सेवा शुरू करने के लिए आयोजित बैठक ने गांव के निवासियों में एक नई उम्मीद जगाई है। इस पहल से न केवल गांव के लोगों की परिवहन समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि यह गांव के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
गांव के लोगों की एकता और सहयोग से यह पहल सफल होने की पूरी संभावना है। HRTC की बस सेवा शुरू होने से गांव कशोली न केवल परिवहन की समस्याओं से मुक्त होगा, बल्कि यह अन्य गांवों के लिए भी एक प्रेरणास्त्रोत बनेगा। इस कदम से हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जिंदगी में एक सकारात्मक बदलाव आने
की उम्मीद है। गांव कशोली के निवासियों की सक्रिय भागीदारी और समर्थन से यह पहल निश्चित रूप से सफल होगी और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसी तरह की सेवाओं को शुरू करने के लिए प्रेरित करेगी।
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