रूस ने भारत को दिया 35 हजार एके 203 असॉल्ट राइफलों का तोहफा,
Delhi समाचार: अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22वें. भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। वह 8 जुलाई से 10 जुलाई तक दो देशों की यात्रा करेंगे। रूस से फिर ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना जाएगा। रूसी पक्ष ने शिखर सम्मेलन से बताया कि इंडो-रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) ने 35,000 से अधिक कलाश्निकोव एके-203 असॉल्ट राइफलों का उत्पादन किया है, जो भारत में निर्मित हैं। दोनों पक्षों के बीच चल रहे व्यापक रक्षा सहयोग का एक हिस्सा यह ट्रांसफर है।
इसमें रक्षा क्षेत्र में भारत के मेक इन इंडिया पर ध्यान केंद्रित किया गया है। कलाश्निकोव AK-203 असॉल्ट राइफल, AK-200 का आधुनिक संस्करण है। IRRPL भारत के आयुध फैक्ट्री बोर्ड और रूसी पक्ष से रोसोबोरोनएक्सपोर्ट JSC और कलाश्निकोव समूह का संयुक्त उद्यम है। दोनों रूसी कंपनियां रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन की सहायक कंपनियां हैं जो रूस की सरकार के आदेश से हथियारों और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति करती है।
क्या है खासियत?
एके-203 रूस की प्रसिद्ध एके-47 असॉल्ट राइफल का आधुनिक संस्करण है। एके-200 श्रृंखला का हिस्सा है। एके-203 में 7.62×39 मिमी की गोली लगती है। कलाश्निकोव राइफल विश्वसनीयता, स्थायित्व और संचालन में सरलता के लिए जानी जाती हैं। एके-203 में सटीकता बढ़ाने के लिए कई तरह की चीजें जोड़ी गई हैं। उदाहरण के लिए इसमें आवश्यक्ता के हिसाब से जरूरी ऑप्टिक, कोलिमेटर, नाइट और थर्मल इमेजिंग स्कोप लगाए जा सकते हैं। इसका वजन 3.8 किग्रा है।
एक मिनट में 700 राउंड
यह बंदूक 500-800 मीटर तक फायर कर सकती है। वहीं एक मिनट में यह 700 राउंड गोली दाग सकती है। एके-47 हथियार में जो खूबी है वही एके-203 में भी आती है। मुश्किल मौसम में भी यह काम कर सकती है, जो इसकी विश्वसनीयता बढ़ा देती है। कई बंदूकें ठंड या बरसात में दिक्कत करती हैं। लेकिन एके 47 दुनिया के सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए गए हथियारों में से एक है। इसे कीचड़, रेत और पानी में ले जाया जा सकता है और इसके बाद भी यह काम करती है।
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