इन 4 लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है शहद! आप भी कर रहे हैं गलती, तो हो जाएं सावधान

 शहद का सेवन सेहत के लिहाज से अच्छा तो है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों को इसके सेवन से गंभीर परिणाम (Honey Side Effects) भुगतने पड़ सकते हैं? जी हां कई औषधीय गुण और पोषक तत्वों के बावजूद कुछ लोगों के लिए इससे परहेज करना ही बेहतर रहता है नहीं तो सेहत से जुड़ी कई परेशानियां आपको घेर सकती हैं। आइए जानते हैं इसके कुछ नुकसान।


Side Effects Of Honey: विटामिन सी, विटामिन बी, प्रोटीन, आयरन, फाइबर और कॉपर जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर शहद हर मामले में सेहत के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो सकता है। आखिर ऐसा क्या है कि कई जरूरी एंटी-ऑक्सीडेंट्स से रिच होने के बाद भी यह कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है? इसी सवाल का जवाब इस आर्टिकल में हम आपको देने जा रहे हैं। यहां आप जानेंगे कि किन 4 लोगों को भूलकर भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए

डायबिटीज के मरीज

शहद का सेवन डायबिटीज के मरीजों को गलती से भी नहीं करना चाहिए। अगर आप इसे यह समझकर खाते हैं कि इसकी नेचुरल शुगर से आपको कोई नुकसान नहीं होगा, तो आप गलत हैं। बता दें, कि शहद में पाया जाने वाला फ्रुक्टोज शुगर का सोर्स होता है और यह डायबिटिक लोगों का शुगर लेवल तेजी से बिगाड़ सकता है। यही वजह है कि इस बीमारी में डॉक्टर फ्रुक्टोज वाली चीजों से दूर रहने की सलाह देते हैं।

फैटी लिवर की समस्या

शहद का सेवन फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी नहीं करना चाहिए। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शहद में मौजूद शुगर का मेन सोर्स यानी फ्रुक्टोज लिवर की हालत पस्त कर सकता है। बता दें, फ्रुक्टोज को मेटाबोलाइज्ड करने में लिवर की बड़ी भूमिका होता है, ऐसे में यह उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जिन्हें फैटी लिवर की शिकायत है

दांतों-मसूड़ों से जुड़ी दिक्कतें

शहद में शामिल नेचुरल शुगर दांतों-मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं से परेशान लोगों के लिए भी नुकसानदायक होती है। इससे दांतों में कैविटी का सामना कर पड़ सकता है। बता दें, अगर आपकी ओरल हेल्थ अच्छी भी है, तो भी आपको इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, क्योंकि ज्यादा खाने पर यह मसूड़ों में सड़न का कारण बन सकता है।


क्लोस्ट्रीडियम इंफेक्शन

कई लोग एक साल से कम उम्र के शिशुओं को भी शहद चटा देते हैं। ऐसे में, बता दें कि इसकी थोड़ी भी ज्यादा मात्रा उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। इससे उनमें क्लोस्ट्रीडियम इंफेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है, इसलिए भलाई इसी में है कि नवजात शिशु को मां का दूध ही पिलाएं, क्योंकि यह बच्चे के शरीर में शुगर की पूर्ति करने के लिए काफी होता है।

Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।News source

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