गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख के द्रास-कारगिल में कारगिल विजय दिवस रजत जयंती समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी मौके पर प्रधानमंत्री ने शिकुला सुरंग की आधारशिला भी रखी।
देश में सबसे ऊंचाई पर शिंकुला सुरंग के बन जाने से लेह-केलांग-मनाली-दिल्ली की कनेक्टिविटी सालभर बनी रहेगी। सेना के काफिले की आवाजाही भी बर्फबारी के बीच सर्दी के कुछ दिन छोड़कर होती रहेगी। वहीं लाहौल के पर्यटन में भी उछाल आएगा। सामरिक दृष्टि से मनाली-लेह सड़क महत्वपूर्ण है। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध ने इस सड़क का महत्व दर्शा दिया है। उन दिनों सेना के काफिले को 13,050 फुट ऊंचे रोहतांग दर्रा के रास्ते आवाजाही करनी पड़ती थी। अब अटल टनल रोहतांग बनने से लेह के लिए सफर काफी कम और सुगम हो गया है। शिंकुला सुरंग बन जाने से यह सफर खासकर सेना के लिए वरदान से कम नहीं होगा।
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख के द्रास-कारगिल में कारगिल विजय दिवस रजत जयंती समारोह की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी मौके पर प्रधानमंत्री ने शिकुला सुरंग की आधारशिला भी रखी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के नायकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए युद्ध स्मारक द्रास में उपस्थित होने का सौभाग्य महसूस कर रहा हूं। पीएम ने वर्चुअल माध्यम से लद्दाख के लिए एनपीडी रोड पर रणनीतिक शिंकुला सुरंग की आधारशिला रखी और शिंकुला में पहला विस्फोट किया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से निम्मू-पदम-दारचा सड़क पर 15,800 फुट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रे पर 1,681 करोड़ रुपये की लागत से 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। यह सुरंग हिमाचल के लाहौल और लद्दाख के जांस्कर क्षेत्र को आपस में जोड़ेगी। वर्ष 2023 में सुरक्षा पर पीएम की अगुवाई वाली कैबिनेट समिति ने इस टनल को मंजूरी दी थी। जांस्कर के लोगों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वारी केंद्र सरकार का आभार जताया है।
इधर, लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने कहा कि शिंकुला सुरंग के निर्माण से जांस्कर के साथ लाहौल के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि अटल टनल रोहतांग से पहले लाहौल में गिने चुने ही विदेशी पर्यटकों की आवाजाही रहती थी। अटल टनल बनने के बाद यहां विदेशी पर्यटकों के साथ भारत के कोने-कोने से पर्यटक पहुंच रहे हैं। अधिकतर पर्यटक लाहौल के रास्ते लेह लद्दाख को भी निहारना चाहते हैं, लेकिन सफर लंबा होने के कारण मनाली से आगे बहुत कम आते हैं। शिंकुला सुरंग बनने से लेह लद्दाख के लाहौल, कुल्लू, मनाली के साथ संबंध और मजबूत रहेंगे, वहीं पर्यटन कारोबार में भी गति आएगी।
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