कधार पंचायत के दो परिवार जर्जर भवन में रहने को मजबूर, प्रशासन नही कर रहा सुनवाई


ललित ठाकुर। पधर


उपमंडल जोगिन्दरनगर और विकास खण्ड द्रंग की ग्राम पंचायत कधार के हार गांव में दो परिवार जर्जर भवन में जाग कर रात गुजारने को मजबूर हैं। दो भाइयों ईश्वर दास और मोहन सिंह पुत्र स्व. धुडू राम का सयुंक्त रिहायशी मकान पूरी तरह जर्जर हो चुका है। जहां बरसात के मौसम में मकान का गिरने का अंदेशा बना हुआ है। ऐसे में दोनों परिवार तेज बारिश में जाग कर रातें गुजार रहे हैं। बीपीएल परिवार से सबंधित होने के बावजूद पंचायत और उपमंडल प्रशासन द्वारा गृह निर्माण को लेकर धन राशि स्वीकृत नहीं की जा रही है। 

पीड़ित परिवार के मुखियाओं का कहना है कि पंचायत की ग्राम सभा में कई बार गृह निर्माण को लेकर स्वीकृति की गुहार लगाई। जहां पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा पहली प्राथमिकता में मकान को लेकर विभागीय उच्च कार्यलय को प्रस्ताव भेजने के दावे किए जाते रहे। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई हैं। हाल ही में डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत कई पंचायतों में लोगों को मकान स्वीकृत हुए हैं। जिनमें दोनों पीड़ित परिवारों का जिक्र तक नहीं है और लाभ मिलने से वंचित रह गए। अब बरसात सिर और है और अब डर डर के रातें गुजारने को मजबूर है। 


जिसका स्थानीय पंचायत समिति सदस्य भुवनेश्वर ठाकुर ने कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि गरीब परिवार के सदस्यों का जर्जर हो चुके मकान में रहना किसी खतरे से खाली नहीं है। तेज बारिश में कभी भी भीषण हादसा हो सकता है। ऐसे में उपमंडल प्रशासन पीड़ित परिवारों को गृह निर्माण के लिए शीघ्र धन राशि की स्वीकृति दें। 

उन्होंने कहा कि बरसात में किसी प्रकार का कोई हादसा होता है तो इसके लिए स्थानीय प्रशासन जिम्मेवार होगा। उन्होंने पीड़ित परिवारों को गृह निर्माण के लिए धन राशि स्वीकृत करने की मांग उठाई है। वही उन्होंने कहा कि अगर शाशन और ओरशासन ने गरीब परिवार की नही सुनी तो धरना प्रदर्शन कर नीचे नेशनल हाइवे पर छक्का जाम किया जायेगा।


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