हमास की कैद से छुडाई गई नोआ ने सुनाई आपबीती:कहा- हमेशा मां-बाप की चिंता रहती थी; हमें हमास की कैद से इजराइलियों को छुड़ाना होगा

 हमास की कैद से छुडाई गई नोआ ने सुनाई आपबीती:कहा- हमेशा मां-बाप की चिंता रहती थी; हमें हमास की कैद से इजराइलियों को छुड़ाना होगा




हमास की कैद से 8 महीने बाद छुड़ाई गई 25 साल की नोआ अर्गमानी ने बताया कि जब वह कैद में थी तो हमेशा अपने मां-बाप के बारे में चिंता रहती थी। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, नोआ ने शनिवार (29 जून) को एक वीडियो जारी कर अपनी आपबीती सुनाई। नोआ ने कहा कि ‘मैं अब वापस घर आ गई हूं, लेकिन मुझे अभी भी उन लोगों की चिंता है, जो हमास की कैद में हैं। हम उनको भूल नहीं सकते हैं, हमें उन्हें वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।’ नोआ ने बताया कि हमास की कैद के दौरान वह हमेशा अपनी लाइलाज बीमारी से पीड़ित मां की चिंता में लगी रहती थी। वह अपने माता-पिता की इकलौती बेटी है। उनकी मां को लास्ट स्टेज का कैंसर है। इजराइली सेना नोआ को 8 जून को हमास की कैद से छुड़ाया था।

इजराइली सेना ने बंधकों को छुड़वाने के लिए चलाया था स्पेशल ऑपरेशन इजराइल ने 8 जून को हमास की कैद से 4 बंधकों को छुड़ाया था। इजराइल ने दावा किया था कि उसकी सेना ने गाजा के नुसीरत रिफ्यूजी कैंप में फायरिंग के बीच इस स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इजराइलियों को छुड़ाने के लिए चलाए इस ऑपरेशन में कम से कम 274 फिलिस्तीनियों की मौत हुई थी। इसके अलावा 400 से अधिक लोग घायल हुए थे। हालांकि इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने 116 लोगों के मारे जाने की बात कही थी। इजराइल की डिफेंस फोर्सेस ने बताया था कि ऑपरेशन में उनका एक सैनिक भी मारा गया था। अमेरिकी मीडिया हाउस एक्सिओस के मुताबिक इस ऑपरेशन में अमेरिका की हॉस्टेज यूनिट ने इजराइल की मदद की थी। छुड़ाए गए बंधकों में 25 साल की नोआ अर्गमानी नाम की वो लड़की भी है, जिसे हमास लड़ाके जबरन मोटरसाइकिल पर उठा ले गए थे। 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमले के बाद

 कैंसर पीड़ित मां को था बेटी का इंतजार

नोआ अग्रमानी की 61 साल की मां लियोरा अर्गमानी (ली जोंगहोंग) ब्रेन कैंसर से जूझ रही हैं। उन्होंने इस साल की शुरुआत में दुनिया भर के नेताओं से अपनी बेटी को हमास की कैद से छुड़ाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि उनकी एक ही इच्छा है कि मरने से पहले उनकी बेटी सही सलामत वापस आ जाए।7 अक्टूबर के हमले में 1200 इजराइली नागरिक मारे गए थे। इस दौरान 234 इजराइली और विदेशी नागरिकों को भी बंधक बना लिया गया था था। नवंबर 2023 में एक हफ्ते का सीजफायर हुआ था। इसमें 100 बंधक रिहा किए गए थे। इसके बाद सीजफायर की तमाम कोशिशें जारी हैं, हालांकि कामयाबी नहीं मिल सकी। हमास का दावा है कि इजराइली मिलिट्री ऑपरेशन में करीब 36 हजार फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं।

तारीख- 7 अक्टूबर, समय- सुबह 6:30 बजे, जगह- इजराइल का बॉर्डर इलाका किबुत्ज रीम। यहां इजराइल के नोवा म्यूजिक फेस्ट के लिए जुटे हजारों लोगों को आसमान में गाजा पट्टी की तरफ से दागे गए रॉकेट्स दिखाई दिए।

वो कुछ समझ पाते, इससे पहले ही वहां हमास के लड़ाके मोटरसाइकिल, गाड़ियां और ट्रैक्टर लेकर पहुंच गए और ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। सभी अपनी जान बचाने के लिए यहां-वहां दौड़ने लगे। रॉकेट के हमलों से बचने के लिए छिप गए। कुछ लोग जमीन पर लेट गए।




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