स्मार्ट मीटर लगाकर भी नहीं रुकी बिजली की चोरी, रिमोट कंट्रोल से किए जा रहे हैक; जानें पूरा मामला

 स्मार्ट मीटर लगाकर भी नहीं रुकी बिजली की चोरी, रिमोट कंट्रोल से किए जा रहे हैक; जानें पूरा मामला


Madhya Pradesh News: इंदौर शहर में बिजली चोरी   अब आधुनिक रिमोट कंट्रोल से होती है। साथ ही, आधुनिक स्मार्ट मीटरों का दावा है कि वे         बिजली   चोरी से पूरी तरह सुरक्षित हैं। बिजली कंपनी ने ही ऐसे मामले पकड़े हैं जहां रिमोट कंट्रोल की मदद से मीटर में खपत को दर्ज करने से             रोका जा रहा था।

अब तक, कंपनी रिमोट बनाने वालों से संपर्क नहीं              कर   सकी    है। अब कंपनी मीटर के साफ्टवेयर को अपडेट करने में लगी हुई  है ताकि रिमोट तकनीक का सामना  कर सके।

अरण्य नगर और एयरपोर्ट क्षेत्र में सामने आए केस

बिजली कंपनी ने अरण्य नगर, एयरपोर्ट जोन पर रिमोट कंट्रोल से बिजली चोरी करने के मामले पकड़े हैं। बिजली कंपनी आधिकारिक रूप से यह बात स्वीकार कर रही है। अंदर की खबर यह है कि मैकेनिक नगर जोन व अन्य जोनों पर भी ऐसे कुछ मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन दबा दिए गए।

कार की चाबी की तरह रिमोट

पता चला है कि शहर के कुछ बिजली मिस्त्री कार की चाबी की तरह का रिमोट बनाकर दे रहे हैं। इसमें लगे बटनों की मदद से मीटर को धीमा किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि रिमोट कंट्रोल के बटन से स्मार्ट मीटर में ब्लिंक होने वाले लाल एलईडी बल्ब को भी बंद कर दिया जाता है।

बिजली का बिल कम हो जाता है

इसके बाद मीटर में खपत दर्ज नहीं होती और बिजली के बिल कम हो जाते हैं। कंपनी यह भी मान रही है कि साल-डेढ़ साल से ये लोग चोरी कर रहे थे। शहर में करीब तीन लाख और इसे मिलाकर पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्र में सात लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं।

रिमोट बनाने वाले पकड़ में नहीं आए

कुछ जोन पर रिमोट कंट्रोल से मीटर धीमा करने के मामले पकड़े गए हैं। अभी इन रिमोट को बनाने वाले पकड़ में नहीं आए, क्योंकि साल-डेढ़ साल पहले इन उपभोक्ताओं ने ऐसे रिमोट बनवाए थे। इसकी तकनीक को हम ब्रेक करने में लगे हैं। – मनोज शर्मा, अधीक्षण यंत्री (शहर) पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी

सॉफ्टवेयर हैक होना संभव

बिजली कंपनी के इंजीनियर ही अब मान रहे हैं कि स्मार्ट मीटर के सॉफ्टवेयर को हैक करना संभव है। इंजीनियरों ने बताया कि स्मार्ट मीटर असल में इलेक्ट्रानिक डिवाइज है। इसे प्री-प्रोग्राम किया जाता है। दूर बिजली कंपनी के कंट्रोल रूम को सिग्नल भेजता है।

यानी यह खुद भी रिमोट तकनीक पर चलता है। ऐसे में इसके सिग्नल को और प्रोग्राम को बीच में हैक करना संभव है। इसके सॉफ्टवेयर और प्रोग्रामिंग को बदला जा रहा है ताकि आगे ऐसा हो न सके।

Post a Comment

0 Comments

Close Menu