शातिर ने आयकर विभाग का डिप्टी कमिश्नर बनकर एक कंपनी से ठगे एक करोड़ रुपये: सोलन में आरोपी गिरफ्तार

 शातिर ने आयकर विभाग का डिप्टी कमिश्नर बनकर एक कंपनी से ठगे एक करोड़ रुपये: सोलन में आरोपी गिरफ्तार



सोलन (हिमाचल प्रदेश): सोलन जिले में एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को हैरान कर दिया है। एक शातिर व्यक्ति ने खुद को आयकर विभाग का डिप्टी कमिश्नर बताकर एक कंपनी से एक करोड़ रुपये की ठगी की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

घटना का विवरण:

यह मामला तब प्रकाश में आया जब गिवरनी इनोवेक्स प्रा. लि. इंडिया के अध्यक्ष अमन मेहता और कश्मीरी लाल ने पुलिस थाना कसौली में एक शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने शिकायत में बताया कि उनके पास प्रधानमंत्री कार्यालय के नाम से एक पत्र आया था, जिसमें कंपनी के संचालन में मदद करने और कुछ फायदे पहुंचाने के लिए एक करोड़ रुपये की मांग की गई थी। पत्र में प्रधानमंत्री कार्यालय के फर्जी हस्ताक्षर थे, जो बाद में जांच में जाली साबित हुए।

शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि उक्त पत्र और जाली हस्ताक्षर कसौली निवासी जितेंद्र कुमार चंदेल ने तैयार किए थे। जितेंद्र ने खुद को आयकर विभाग का डिप्टी कमिश्नर बताया था और इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। इसके बाद, पुलिस ने जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया और उससे पूछताछ की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

आरोपी की योजना और धोखाधड़ी:

जांच के दौरान यह पता चला कि जितेंद्र कुमार ने अपने आप को आयकर विभाग का डिप्टी कमिश्नर बताकर कई कंपनियों और व्यक्तियों को धोखा दिया था। उसने प्रधानमंत्री कार्यालय के नाम से जाली दस्तावेज तैयार किए थे और इनका इस्तेमाल करके एक करोड़ रुपये का घोटाला किया था।

इतना ही नहीं, आरोपी ने एक बैंक से कार लोन लेने के लिए प्रवर्तन निदेशालय का जाली वेतन प्रमाणपत्र भी तैयार किया था। यह साफ है कि जितेंद्र कुमार एक पेशेवर धोखेबाज है, जिसने कई लोगों और संगठनों को अपनी चालाकी और जालसाजी से ठगा है।

पुलिस की कार्रवाई और जांच:

सोलन पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को 12 अगस्त को गिरफ्तार किया। उसके पास से कई दस्तावेज, मोबाइल फोन और कंप्यूटर बरामद किए गए हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि आगे की पूछताछ में और भी मामले सामने आ सकते हैं, जहां इस आरोपी ने अपनी पहचान का गलत फायदा उठाकर लोगों को ठगा हो।

सोलन के एसपी गौरव सिंह ने बताया कि जितेंद्र कुमार एक शातिर अपराधी है, जिसने अपने झूठे परिचय का इस्तेमाल करके कई विभागों, बैंकों और व्यक्तियों से धोखाधड़ी की है। पुलिस उसकी संपत्ति और अन्य गतिविधियों की भी जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि उसने अब तक कितने लोगों को ठगा है।

अदालत की कार्रवाई:

जितेंद्र कुमार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस इस दौरान आरोपी से पूछताछ करेगी और इस मामले से जुड़े अन्य लोगों और साक्ष्यों की जांच करेगी।  

आरोपी की गिरफ्तारी का प्रभाव:

जितेंद्र कुमार की गिरफ्तारी ने पूरे सोलन क्षेत्र में एक बड़ा संदेश दिया है कि किसी भी तरह की धोखाधड़ी और जालसाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी से यह साबित हो गया है कि कानून के सामने कोई भी अपराधी नहीं बच सकता, चाहे वह कितना भी चालाक क्यों न हो।

इस मामले ने यह भी दिखाया है कि आज के समय में लोग किस तरह से जालसाजी और फर्जीवाड़े का सहारा लेकर अपने आप को बड़े पदों पर बताकर आम लोगों और संगठनों को धोखा दे रहे हैं। ऐसे मामलों से निपटने के लिए सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है

सोलन में आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर बनकर एक करोड़ रुपये की ठगी करने का मामला निश्चित रूप से एक गंभीर अपराध है, जिसने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी से इस मामले का खुलासा हुआ और आगे की जांच से यह पता चलेगा कि आरोपी ने और कितनी जालसाजी की है।

यह घटना सभी के लिए एक चेतावनी है कि किसी भी प्रकार के फर्जी दस्तावेजों और अधिकारियों की पहचान के प्रति सतर्क रहना चाहिए, ताकि ऐसे जालसाजों के जाल में फंसने से बचा जा सके। पुलिस की सतर्कता और जनता की जागरूकता ही ऐसे मामलों को रोकने में मददगार हो सकती है।

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