हरियाणा का हाल : चुनावी दंगल में इस बार भाजपा-कांग्रेस की सीधी भिड़ंत, दोनों दलों की उम्मीदें और अपने-अपने दाव
तीन माह पहले हुए लोकसभा चुनाव के बाद से ही राज्य में विधानसभा चुनाव का माहौल बनने लगा था और सभी दल तभी से इसके लिए तैयार हो गए थे।
ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद हरियाणा में अब सियासी दंगल का नगाड़ा बज गया है। तीन माह पहले हुए लोकसभा चुनाव के बाद से ही राज्य में विधानसभा चुनाव का माहौल बनने लगा था और सभी दल तभी से इसके लिए तैयार हो गए थे। कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की उम्मीद और भाजपा ने हैट्रिक का रिकॉर्ड बनाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया था। चूंकि तीन नवंबर को सरकार का कार्यकाल पूरा होना है इसलिए सभी का अंदाजा यही था कि चुनाव की घोषणा सितंबर के पहले सप्ताह के आसपास हो सकती है। करीब 20 दिन पहले तारीख का एलान होने से कहीं न कहीं सभी दलों की रणनीति थोड़ी गड़बड़ाई है।
इस बार का चुनावी दंगल कुछ अलग होने जा रहा है। कई चुनावों के बाद दो प्रमुख दलों भाजपा व कांग्रेस में सीधी भिड़ंत है। हरियाणा में अहम भूमिका निभाते रहे क्षेत्रीय दल इस बार हाशिये पर हैं। 2014 के चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल ने कांग्रेस को भी पीछे धकेल विपक्ष का दर्जा हासिल कर लिया था। 2019 के चुनाव में जननायक जनता पार्टी ने बेशक दस सीटें हासिल कीं लेकिन सरकार में भाजपा के साथ भागीदार बनकर अपनी अहमियत दिखाई। मैदान में तो इनेलो व जजपा के साथ-साथ बसपा और आम आदमी पार्टी भी हैं, लेकिन उन्हें बहुत जोर आजमाइश करने की जरूरत होगी ताकि मुकाबले में आ सकें।
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