केदारनाथ धाम में फंसे 250 यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन: सेना और एसडीआरएफ की त्वरित कार्यवाही

 केदारनाथ धाम में फंसे 250 यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन: सेना और एसडीआरएफ की त्वरित कार्यवाही 

Uttarakhand News:उत्तराखंड, 5अगस्त 2024 - केदारनाथ धाम में फंसे 250 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए एसडीआरएफ और सेना ने एक बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया है। खराब मौसम और भूस्खलन के कारण फंसे इन यात्रियों को लिंचोली से भीमबली तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ के छह जवानों की टीम को रवाना किया गया। इसके बाद इन यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सोनप्रयाग ले जाया गया।

घटना की पृष्ठभूमि

पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ यात्रा प्रभावित हुई है। इस दौरान कई यात्री विभिन्न स्थानों पर फंस गए थे, जिनमें से 250 से अधिक यात्री लिंचोली में फंसे हुए थे। खराब मौसम और लगातार हो रही

बारिश के कारण सड़क मार्ग बंद हो गए थे, जिससे यात्रियों को वहां से निकालना चुनौतीपूर्ण हो गया था।

रेस्क्यू ऑपरेशन का प्रारंभ

यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसडीआरएफ की एक टीम को त्वरित रूप से रवाना किया गया। इस टीम का मुख्य उद्देश्य लिंचोली से भीमबली तक यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाना था। इसके बाद इन यात्रियों को सेना के एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों की मदद से एयरलिफ्ट कर सोनप्रयाग ले जाया गया। सोमवार को केदार घाटी का मौसम साफ होने के साथ ही यह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया।

एडवाइजरी जारी

रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की ओर से केदारनाथ दर्शन के लिए रुद्रप्रयाग तक पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए एक परामर्श जारी किया गया है जिसमें उनसे कहा गया है कि वे फिलहाल जहां भी हैं, सुरक्षित रूके रहें और अपनी केदारनाथ धाम यात्रा को स्थगित कर दें। परामर्श में कहा गया है कि इस समय सोनप्रयाग से आगे मोटरमार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति बिल्कुल भी सही नहीं है। भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरकर रास्ते में आ गए हैं।

सेना और एसडीआरएफ की भूमिका

रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना और एसडीआरएफ की टीमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सेना के एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों ने फंसे यात्रियों को एयरलिफ्ट करने का काम किया, जबकि एसडीआरएफ की टीम ने जमीन पर रहकर यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद की। यह एक संयुक्त प्रयास था, जिसने इस ऑपरेशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियाँ

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। भारी बारिश और खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टरों का संचालन करना मुश्किल था। इसके अलावा, भूस्खलन और टूटे हुए सड़क मार्गों के कारण जमीन पर भी रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देना चुनौतीपूर्ण था। लेकिन सेना और एसडीआरएफ की टीमों ने मिलकर इन सभी चुनौतियों का सामना किया और सफलतापूर्वक यात्रियों को सुरक्षित निकाला।

यात्रियों की प्रतिक्रिया

रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित स्थान पर पहुंचे यात्रियों ने सेना और एसडीआरएफ की टीमों का आभार व्यक्त किया। कई यात्रियों ने बताया कि वे बहुत डरे हुए थे और उन्हें नहीं पता था कि वे कैसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचेंगे। लेकिन सेना और एसडीआरएफ की टीमों ने उन्हें सुरक्षित निकालकर उनकी जान बचाई। यात्रियों ने इन टीमों की त्वरित और प्रभावी कार्यवाही की सराहना की।

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारे जवानों ने अद्वितीय साहस और दृढ़ता का परिचय दिया है। उनकी त्वरित कार्यवाही और समर्पण के कारण हम इतने बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सके हैं। हम सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

भविष्य की तैयारी

इस घटना के बाद, उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए अपनी तैयारी को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वे यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त उपाय करेंगे और रेस्क्यू ऑपरेशन को और प्रभावी बनाने के लिए नए उपकरण और तकनीक का उपयोग करेंगे।

केदारनाथ धाम में फंसे 250 से अधिक यात्रियों का सफल रेस्क्यू ऑपरेशन एक उदाहरण है कि कैसे सेना और एसडीआरएफ की त्वरित और प्रभावी कार्यवाही ने एक बड़े संकट को टालने में मदद की। यह ऑपरेशन न केवल यात्रियों की जान बचाने में सफल रहा, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह कठिन परिस्थितियों में भी हमारे जवान अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। इस घटना ने एक बार फिर से साबित किया है कि हमारी सेना और एसडीआरएफ किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।

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