Jammu Kashmir : नए माहौल के पहले विधानसभा चुनाव पर टिकी देश-दुनिया की नजर, फिलहाल सब ने पकड़ी एकला चलो की राह
अनुच्छेद 370 हटने के बाद बदले माहौल के बीच नए जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। यह चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा। इस चुनाव पर देश-दुनिया की निगाहें टिकीं हुई हैं।
जम्मू-कश्मीर में दस साल के अंतराल में विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद बदले माहौल के बीच नए जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। यह चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा।
इस चुनाव पर देश-दुनिया की निगाहें टिकीं हुई हैं। इस चुनाव के लिए लोकसभा चुनाव की तरह किसी भी दल के बीच गठबंधन सामने नहीं दिख रहा है। कभी लोकतंत्र व संविधान में आस्था न जताने वाले अलगाववादी चेहरों के भी मैदान में उतरने की संभावना जताई जा रही है। परिस्थितियां बदल गई हैं तो भाजपा के साथ सुर मिलाने वाली अपनी पार्टी तथा पीपुल्स कांफ्रेंस के भी सुर बदले हुए हैं। पीडीपी और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी भी विधानसभा में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए कसरत करती दिख रही है।
इस चुनाव पर देश-दुनिया की निगाहें टिकीं हुई हैं। इस चुनाव के लिए लोकसभा चुनाव की तरह किसी भी दल के बीच गठबंधन सामने नहीं दिख रहा है। कभी लोकतंत्र व संविधान में आस्था न जताने वाले अलगाववादी चेहरों के भी मैदान में उतरने की संभावना जताई जा रही है। परिस्थितियां बदल गई हैं तो भाजपा के साथ सुर मिलाने वाली अपनी पार्टी तथा पीपुल्स कांफ्रेंस के भी सुर बदले हुए हैं। पीडीपी और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी भी विधानसभा में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए कसरत करती दिख रही है।
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