Kullu Cloudburst: रातभर ढूंढते रहे सुरक्षित स्थान, बारिश थमी तो रह गए थे तबाही के निशान
बुधवार रात करीब 12 बजे 20 मिनट का समय था। बागीपुल के ग्रामीणों को बारिश के साथ भयंकर आवाजें सुनाई दीं। लाइट गुल थी, बाहर धुंध ने रात को और अधिक डरावना बनाया हुआ था। ग्रामीण आवाजें सुनकर समझ गए थे कि कोई बहुत बड़ी अनहोनी होने वाली है। पढ़ें पूरी खबर
निरमंड में बुधवार रात को हुई भारी बारिश स्थानीय लोगों को कभी न भूलने वाले जख्म दे गई। बागीपुल में एक ही परिवार के पांच लोगों समेत सात लोग अभी भी लापता हैं। नैन सरोवर और भीमडवारी नाले में बादल फटने से फ्लड तीन ट्रैक में बंट गया। एक ट्रैक सिंहगाड-बागीपुल-सतलुज से सटे कुर्पण खड्ड तक के क्षेत्र में भारी तबाही का मंजर बना गया। वहीं, दूसरा ट्रैक रामपुर के सरपारा से तेजी खड्ड की ओर मुड़ा और तीसरा ट्रैक समेज के गानवी खड्ड की ओर गया। समेज में करीब 36 लोगों के लापता होने की सूचना है।
बुधवार रात करीब 12 बजे 20 मिनट का समय था। बागीपुल के ग्रामीणों को बारिश के साथ भयंकर आवाजें सुनाई दीं। लाइट गुल थी, बाहर धुंध ने रात को और अधिक डरावना बनाया हुआ था। ग्रामीण आवाजें सुनकर समझ गए थे कि कोई बहुत बड़ी अनहोनी होने वाली है। वार्ड सदस्य कुमारी सुनीता, पुष्पेंद्र, रमेश कुमार, डॉ. प्रेम, नरेश ब्रामटा, राजेश कायथ और जीवा राम ने बताया कि अंधेरे में भारी बारिश की वजह मालूम नहीं हो रही थी। आसपास के लोग सीटियां बजाकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने की आवाजें दे रहे थे। खड्ड के साथ रहने वाले कुछ लोग सुरक्षित जगहों की ओर भागे, लेकिन खड्ड के साथ आखिर क्या-क्या नुकसान हुआ, इसे देखने की हिम्मत भी कोई नहीं जुटा सका। पुलिस की गाड़ी की सायरन की आवाजें सुनाई दे रही थीं। रातभर बारिश थमने की गुहार लगा रहे ग्रामीण सुबह पांच बजे जब तबाही का मंजर देखने गए, तो सभी के पैरों तले से जमीन खिसक गई। बागीपुल में बहुत ज्यादा नुकसान हो गया था।
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