सेक्स एडिक्ट और हार्डकोर क्रिमिनल: संजय रॉय का खौफनाक चेहरा
कोलकाता में डॉक्टर से दरिंदगी का मामला: संजय रॉय बना दहशत का पर्याय
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक बार फिर एक ऐसा जघन्य अपराध सामने आया है जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता ने निर्भया कांड की यादें ताजा कर दी हैं। इस खौफनाक वारदात ने समाज की सोच को झकझोर कर रख दिया है। आरोपी संजय रॉय, जिसने इस हैवानियत को अंजाम दिया, वह न केवल सेक्स एडिक्ट है बल्कि हार्डकोर क्रिमिनल भी है। उसने अपने जघन्य अपराधों से न केवल कानून का उल्लंघन किया है बल्कि समाज के ताने-बाने को भी बर्बाद किया है।
घटना का विवरण: दरिंदगी की हदें पार
कोलकाता के प्रतिष्ठित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ जो हुआ, वह एक ऐसा भयावह दृश्य था जिसे बयान करना कठिन है। आरोपी संजय रॉय ने नाइट शिफ्ट में काम कर रही महिला डॉक्टर को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया। उसने न केवल उसके साथ बलात्कार किया बल्कि उसके शरीर को भी बुरी तरह कुचला। डॉक्टर की लाश पर कपड़े तक नहीं छोड़े गए थे। उसके चेहरे से लेकर पांव तक हर जगह जख्म थे। पुलिस के अनुसार, डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट को भी बुरी तरह से कुचल दिया गया था, जिससे साफ जाहिर होता है कि यह रेप के बाद हत्या का मामला है।
आरोपी संजय रॉय: एक खतरनाक व्यक्तित्व
संजय रॉय की पृष्ठभूमि भी उतनी ही खतरनाक है जितनी कि उसकी वर्तमान हरकतें। 55/बी शंभूनाथ पंडित रोड पर रहने वाला यह व्यक्ति अपने रिश्तेदारों और मोहल्ले वालों को यह झूठ बता रखा था कि वह पुलिस में है। वास्तव में, संजय एक नागरिक स्वयंसेवक है, लेकिन उसने अपने आसपास के लोगों को यह विश्वास दिलाया कि वह कानून का एक बड़ा अधिकारी है। इस झूठी पहचान का लाभ उठाकर उसने कई अपराध किए हैं।
संजय को शराब और पॉर्नोग्राफी की लत है। यह व्यक्ति पहले भी कई महिलाओं से शादी कर चुका है और फिर उन्हें तलाक देकर छोड़ देता है। उसकी एक पत्नी की कुछ समय पहले मौत हो गई थी, जिसे कैंसर का कारण बताया गया था, लेकिन इलाके के लोग इस मामले को संदिग्ध मानते हैं। संजय का क्रूर व्यवहार इतना चरम पर है कि उसकी बहन ने भी उससे सारे रिश्ते तोड़ दिए हैं।
पुलिस और लोगों के साथ धोखाधड़ी
संजय रॉय की क्रिमिनल प्रवृत्ति सिर्फ हत्या तक ही सीमित नहीं है। उसने खुद को पुलिस वॉलंटियर बताकर कई लोगों को धोखा दिया है। संजय ने पुलिस में नौकरी दिलाने के नाम पर भी लोगों से लाखों रुपये ठगे हैं। उसके बचपन के दोस्त रविशंकर ने खुलासा किया कि संजय ने उसे पुलिस में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ढाई लाख रुपये ठगे थे। इतना ही नहीं, उसने पुलिस की नकली पहचान का इस्तेमाल करके भी कई लोगों को अपनी चाल का शिकार बनाया है।
अस्पताल में भी फैलाया आतंक
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में काम करने वाली नर्सों और अन्य महिला स्टाफ ने भी संजय रॉय के खौफनाक व्यवहार का खुलासा किया। नर्सों के अनुसार, संजय अक्सर शराब के नशे में अस्पताल आता था और अस्पताल में काम करने वाली महिलाओं पर गंदी नजर रखता था। वह उन्हें पॉर्न फिल्में दिखाने की कोशिश करता और खुद को पुलिस अधिकारी बताकर डराने का प्रयास करता।
जिस रात उसने महिला डॉक्टर पर हमला किया, उस रात भी वह नशे में धुत था। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, वह रात 11 बजे अस्पताल पहुंचा और उसके बाद जमकर शराब पी। सुबह 4 बजे वह इमरजेंसी वार्ड में आया और फिर सेमिनार हॉल की तरफ चला गया। इस दौरान 5 और लोग भी वहां मौजूद थे, लेकिन वे सब ऊपर जाने का कारण बता सके। केवल संजय ही ऐसा था जो ऊपर जाने का कोई संतोषजनक कारण नहीं बता सका। पुलिस ने जब उससे सख्ती से पूछताछ की, तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
एक खतरनाक अपराधी की मानसिकता
संजय रॉय के अपराधों से यह साफ जाहिर होता है कि वह एक मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति है। उसकी सेक्स एडिक्शन और हिंसक प्रवृत्तियों ने उसे एक ऐसे खतरनाक व्यक्ति में बदल दिया है जो समाज के लिए गंभीर खतरा है। उसकी मानसिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह पॉर्नोग्राफी देखने का आदी था और अपने विकृत इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता था।
न्याय की उम्मीद और पुलिस की सख्ती
इस मामले के खुलासे के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई है। लोग मांग कर रहे हैं कि संजय रॉय को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि इस तरह के अपराधी को न्याय का भय हो। पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। संजय रॉय के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है और उसे न्याय के कठघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
समाज को जागरूक करने की जरूरत
संजय रॉय जैसे अपराधी समाज के लिए एक गंभीर खतरा हैं। यह घटना हमें इस बात की याद दिलाती है कि हमें अपने आसपास के लोगों के व्यवहार और गतिविधियों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। समाज में इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए जागरूकता और सतर्कता की जरूरत है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कानून और न्याय का सम्मान हो और अपराधियों को उनके कृत्यों की सजा मिले।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस जघन्य वारदात ने हमें फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किस तरह की विकृत मानसिकता वाले लोग हमारे समाज में रह रहे हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन खतरनाक लोगों को पहचानें और समय रहते उनके खिलाफ कार्रवाई करें ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की बर्बरता का शिकार न हो।
0 Comments