धर्मशाला में बनेगा हिमाचल प्रदेश का पहला इलेक्ट्रिक बस डिपो: एक नई शुरुआत की ओर कदम
धर्मशाला, 4 अगस्त 2024: हिमाचल प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को एक नई दिशा देने के उद्देश्य से धर्मशाला में राज्य का पहला इलेक्ट्रिक बस डिपो स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कार्यान्वित की जा रही है और इसके माध्यम से राज्य सरकार के पेट्रोल व डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के दावे को साकार किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल प्रदूषण कम करना है, बल्कि एक सुसंगठित और आधुनिक परिवहन नेटवर्क का निर्माण करना भी है।
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत निर्माण
धर्मशाला में बन रही यह इलेक्ट्रिक बस वर्कशॉप स्मार्ट सिटी मिशन का हिस्सा है, जिसका मकसद है कि शहर को आधुनिक और सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान किया जा सके। इस वर्कशॉप का लगभग 70% कार्य पूरा हो चुका है और इसे जल्द ही संचालन के लिए तैयार किया जाएगा। इस वर्कशॉप में 15 इंस्पेक्शन पिट और एक आधुनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया जाएगा, जो कि इलेक्ट्रिक बसों की देखरेख और रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण होगा।
13 करोड़ रुपए की लागत
धर्मशाला में इलेक्ट्रिक बस वर्कशॉप और बस अड्डा निर्माण के लिए 13 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। इस परियोजना का ग्राउंड फ्लोर डीजल बसों के मेंटेनेंस के लिए तैयार किया जाएगा, जबकि पहले फ्लोर पर इलेक्ट्रिक बसों के चार्जिंग स्टेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस परियोजना से न केवल परिवहन की सुविधा में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
नए बस टर्मिनल का निर्माण
स्मार्ट सिटी मिशन के तहत धर्मशाला में एक नया बस टर्मिनल भी निर्माणाधीन है। इस बस टर्मिनल का निर्माण कार्य हाल ही में शुरू हुआ है और इसे जल्द ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस आधुनिक बस अड्डे में निगम स्टाफ और यात्रियों के लिए उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें बस काउंटरों की संख्या अधिक होगी, दुकानें निर्मित की जाएंगी और यात्रियों के लिए सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
इलेक्ट्रिक बस परियोजना की प्रगति और नियोजन
धर्मशाला के इलेक्ट्रिक बस डिपो और बस टर्मिनल की परियोजना की प्रगति की समीक्षा के लिए हाल ही में शिमला में एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में एचआरटीसी के अधिकारियों और ठेकेदारों ने भाग लिया और निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। ठेकेदार को जल्द से जल्द ड्राइंग सबमिट करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अनुमोदन मिलने के बाद बस अड्डे के निर्माण कार्य को तेजी से पूरा किया जा सके।
स्थानीय जनता के लिए लाभ
धर्मशाला में बनने वाले इस आधुनिक इलेक्ट्रिक बस डिपो और बस अड्डे से स्थानीय जनता को कई लाभ होंगे। सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह होगा कि परिवहन की सुविधा में सुधार होगा और प्रदूषण की समस्या में कमी आएगी। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से यातायात के प्रदूषण स्तर में काफी हद तक कमी आ सकती है, जो कि पर्यावरण के लिए अत्यंत फायदेमंद होगा।
परिवहन निगम की पहल
एचआरटीसी (हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) की यह पहल राज्य में परिवहन व्यवस्था को एक नई दिशा देने के लिए की गई है। सरकार के इस कदम से न केवल आधुनिक परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि लोगों को सुरक्षित, सस्ते और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्प प्राप्त हों। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इस प्रकार की परियोजनाओं का उद्देश्य शहरों की विकास दर को बढ़ाना और उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाना है।
भविष्य की योजना
धर्मशाला में इलेक्ट्रिक बस डिपो के साथ-साथ अन्य शहरों में भी ऐसी योजनाओं को लागू करने की योजना है। इसके तहत अन्य प्रमुख शहरों में भी इलेक्ट्रिक बस डिपो और वर्कशॉप्स स्थापित की जाएंगी, जिससे राज्य की कुल परिवहन व्यवस्था
को आधुनिक और पर्यावरण-संवेदनशील बनाया जा सके। इस प्रकार की योजनाओं के माध्यम से सरकार का उद्देश्य है कि हिमाचल प्रदेश को एक स्मार्ट और हरित राज्य बनाया जा सके।
धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश के पहले इलेक्ट्रिक बस डिपो का निर्माण न केवल राज्य की परिवहन व्यवस्था को एक नई दिशा देने का कदम है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और स्मार्ट सिटी मिशन की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है। इस परियोजना से स्थानीय जनता को आधुनिक सुविधाएं प्राप्त होंगी और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भविष्य में इसी प्रकार की और योजनाओं के माध्यम से हिमाचल प्रदेश को एक आदर्श परिवहन राज्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे।
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