प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की तारीफ करना पड़ा भारी, मुस्लिम महिला को पति ने तीन तलाक देकर घर से निकाला
बहराइच की मरियम पर अयोध्या के ससुराल में टूटा अत्याचार, न्याय के लिए दर-दर भटक रही पीड़िता
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। इस मामले में एक मुस्लिम महिला को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करना इतना भारी पड़ा कि उसके पति ने उसे न केवल प्रताड़ित किया, बल्कि तीन तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया। इस घटना ने जहां एक तरफ समाज में स्त्री अधिकारों और सुरक्षा के मुद्दों को उजागर किया है, वहीं दूसरी तरफ तीन तलाक के कानून के प्रति लोगों की सोच पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
बहराइच की मरियम का निकाह और अयोध्या का ससुराल
बहराइच जिले की रहने वाली मरियम का निकाह दिसंबर 2023 में अयोध्या के दरवाजा इलाके के निवासी अरशद के साथ हुआ था। मरियम और अरशद दोनों ही अपने विवाह से खुश थे और प्रारंभिक दिनों में सबकुछ सामान्य और सुखद लग रहा था। अयोध्या के ससुराल में मरियम को वहां का वातावरण, माहौल और लोग बहुत पसंद आ रहे थे। वह अपने नए जीवन की शुरुआत से बेहद खुश थी और यह खुशी उसके चेहरे पर साफ नजर आती थी।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तारीफ पर भड़का पति
मरियम की इस खुशी को तब ग्रहण लग गया जब उसने अपने पति अरशद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। मरियम को अयोध्या का वातावरण और विकास कार्य बहुत पसंद आ रहे थे, और इसी उत्साह में उसने अपने पति से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों के कारण अयोध्या में बहुत सकारात्मक बदलाव हुए हैं।
मरियम के इस बयान पर अरशद का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उसने मरियम की बातों को राजनीतिक रूप से गलत समझ लिया और अपनी पत्नी पर गुस्सा निकालते हुए उसे बुरी तरह डांटने लगा। गुस्से से बेकाबू होकर अरशद ने मरियम के ऊपर गर्म दाल फेंक दी, जिससे मरियम बुरी तरह जल गई। लेकिन उसका गुस्सा यहीं नहीं थमा, उसने मरियम को तीन तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया।
मरियम के साथ मारपीट और जलाने की कोशिश
घटना के बाद मरियम ने अपनी आपबीती साझा की और बताया कि उसे अपने देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री की तारीफ करने की वजह से इतनी बड़ी सजा भुगतनी पड़ी। मरियम ने कहा, "मैं गांव की रहने वाली हूं और जब मैं अयोध्या आई तो यहां का माहौल मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने अपने पति से सिर्फ इतनी बात की कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या को बहुत सुंदर और सुरक्षित बनाया है। लेकिन मेरे पति ने इस पर गुस्सा होकर मुझे पहले डांटा, फिर मुझ पर गर्म दाल फेंकी और तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया।"
मरियम का कहना है कि उसने कोई गुनाह नहीं किया है, बल्कि अपने देश और प्रदेश के नेताओं की तारीफ की है, जो किसी भी तरह से गलत नहीं हो सकता। मरियम अब न्याय के लिए दर-दर भटक रही है और वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगा रही है कि उसे न्याय दिलाया जाए।
तीन तलाक के खिलाफ कानून और मरियम की पीड़ा
तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के बावजूद भी ऐसे मामले सामने आना न केवल कानून की प्रभावशीलता पर सवाल उठाता है, बल्कि समाज में स्त्री अधिकारों की सुरक्षा की स्थिति पर भी चिंता बढ़ाता है। मरियम का मामला यह दर्शाता है कि कानून बनने के बाद भी समाज में तीन तलाक की प्रथा को पूरी तरह समाप्त करने में अभी भी कई चुनौतियाँ हैं।
तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के बाद उम्मीद की गई थी कि इससे मुस्लिम महिलाओं को न्याय और समानता मिलेगी। लेकिन मरियम की कहानी इस उम्मीद को धूमिल करती नजर आती है। एक तरफ जहां मरियम ने केवल अपने विचार व्यक्त किए, वहीं दूसरी तरफ उसे इस छोटी सी बात के लिए प्रताड़ित किया गया और उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।
मरियम की लड़ाई: न्याय के लिए संघर्ष
मरियम अब न्याय के लिए संघर्ष कर रही है। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रशासन से अपील कर रही है कि उसे इंसाफ दिलाया जाए और उसके पति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मरियम का कहना है कि वह अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएगी और तब तक चुप नहीं बैठेगी, जब तक उसे न्याय नहीं मिल जाता।
इस घटना ने समाज के उस चेहरे को भी उजागर किया है, जहां महिलाओं को अभी भी अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है। मरियम की यह लड़ाई केवल उसकी नहीं है, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए है, जो समाज के दबाव और प्रताड़ना का सामना कर रही हैं।
समाज में महिलाओं के अधिकारों पर बहस
मरियम की कहानी ने समाज में महिलाओं के अधिकारों पर एक नई बहस छेड़ दी है। क्या महिलाएं अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता नहीं रखतीं? क्या एक महिला को अपने देश और प्रदेश के नेताओं की तारीफ करने का हक नहीं है? इन सवालों ने समाज को झकझोर दिया है और यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर क्यों आज भी महिलाएं अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं।
मरियम के इस मामले ने यह भी दिखाया है कि समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदलने की कितनी जरूरत है। तीन तलाक के खिलाफ कानून ने भले ही महिलाओं को कानूनी सुरक्षा दी हो, लेकिन समाज में इस कानून की पूरी तरह से लागू होने और इसे स्वीकारने में अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है।
अन्याय के खिलाफ लड़ाई
मरियम की कहानी एक महिला के साहस और संघर्ष की कहानी है, जो अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करने के कारण मरियम को जो पीड़ा झेलनी पड़ी, वह समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव की आवश्यकता को उजागर करती है।
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष करना होगा, और समाज में उनके प्रति सम्मान और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करना होगा। मरियम का यह संघर्ष एक प्रेरणा है उन सभी महिलाओं के लिए, जो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से डरती हैं। मरियम का यह साहस दिखाता है कि कोई भी महिला अपने अधिकारों के लिए लड़ सकती है, बस उसे अपने अंदर के डर को दूर करना होगा।
0 Comments